आरती से मिलती है सकारात्मक ऊर्जा और मन के भाव प्रकट करने का अवसर : पं. कौशिक
मोगा गोपाल गोशाला मंदिर में रविवार को कीर्तन का आयोजन कर ठाकुर जी का गुणगान किया गया और आरती की गई। इस दौरान पं. पवन कौशिक ने बताया कि पुराणों में आरती का महत्व बताया गया है। आरती का एक अर्थ कार्य की संपन्नता व परिपूर्णता दर्शाता है। यह अपने आराध्य देवों की पूजा पद्धति है जिसमें अपने प्राण प्रतिष्ठित व घरों में विराजमान स्वरूपों के प्रति अपनी श्रद्धा आस्था और भक्ति भावना है। इसके द्वारा हमें एक सकारात्मक ऊर्जा और भक्ति भाव तथा अपने मन के भाव प्रकट करने का अवसर प्राप्त होता है।
संवाद सहयोगी, मोगा
गोपाल गोशाला मंदिर में रविवार को कीर्तन का आयोजन कर ठाकुर जी का गुणगान किया गया और आरती की गई।
इस दौरान पं. पवन कौशिक ने बताया कि पुराणों में आरती का महत्व बताया गया है। आरती का एक अर्थ कार्य की संपन्नता व परिपूर्णता दर्शाता है। यह अपने आराध्य देवों की पूजा पद्धति है, जिसमें अपने प्राण प्रतिष्ठित व घरों में विराजमान स्वरूपों के प्रति अपनी श्रद्धा, आस्था और भक्ति भावना है। इसके द्वारा हमें एक सकारात्मक ऊर्जा और भक्ति भाव तथा अपने मन के भाव प्रकट करने का अवसर प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि जब हम आरती करते समय अपने सामने प्रतिष्ठित देवी या देवता के स्वरूप को एकाकार होकर निहारते हैं, तो हमें साक्षात देवताओं के दर्शन करने का मानो सौभाग्य प्राप्त हो रहा होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि हम जो कह रहे हैं, वह सभी बातें हमारे सामने प्रतिष्ठित देवी या देवता सुन रहे हैं और बड़े गौर से हमारी मनोकामनाओं को पूर्ण करने का आश्वासन हमें दे रहे होते हैं। उन्होंने कहा कि समाज में व पूरे विश्व में कोरोना जैसी खतरनाक महामारी से मानव जाति की रक्षा हो, इसके लिए विशेष करके मां भगवती के चरणों में प्रार्थना की गई है। अति शीघ्र से शीघ्र इस महामारी का खात्मा हो और हम सभी का कल्याण हो।
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भक्ति कुंज में संकीर्तन में भजनों का भक्तों ने उठाया आनंद
संवाद सहयोगी, मोगा
भक्ति कुंज में रविवार सायं रसमयी संकीर्तन का आयोजन किया गया। इस दौरान ठाकुर जी की मूर्ति का पूजन करके ज्योति प्रचंड की गई।
भक्ति रस संकीर्तन मंडल के गायकों ने कृपा करो बरसाने वाली.., मेरा रोम रोम बोले प्यारी.., तेरी कृपा का भरोसा भारी.., मैं तो राधे गाऊं, बावरी बनकर नाचू तेरे दर पे.., हरी-हरी बोल नाम हरी बोल.., गोविद राधे-राधे गोपाल राधे-राधे.., दरबार निराला है मेरे ठाकुर का.., जय गोपाल राधा-कृष्ण गोविद-गोविद.. , जैसे भजनों का गायन किया। जिसका भक्तों ने आनंद उठाया।
इस दौरान ठाकुर जी का भव्य दरबार, छप्पन भोग आकर्षण का केंद्र रहे। इस अवसर पर यशपाल पाली, ओमप्रकाश, नवीन कुमार व राकेश वर्मा ने कहा कि सत्य का मार्ग हमें गुरु भक्ति की ओर ले जाता है। हर दिन, हर पल हमारे जीवन के लिए प्रेरणास्रोत है। हमें अपने जीवन का आनंद वर्तमान में रहकर प्रभु भक्ति में लेना चाहिए। जो आनंद प्रभु के नाम, उसकी भक्ति व भजन में है, वह सदैव सुख प्रदान करता है। महामारी का दौर फिर से बढ़ने लगा है, इसके लिए जरूरी है कि प्रभु भक्ति के साथ सतर्कता का भी ध्यान रखें। बचाव के लिए जारी सरकारी गाइडलाइन का पालन करें। अंत में ठाकुर जी की आरती के बाद प्रसाद बांटा गया।