साइलो प्लांट के बाहर आप ने किया प्रदर्शन
मोगा साल 2005 से गेहूं स्टोरेज के क्षेत्र में मोगा व फिरोजपुर जिले के किसानों की पहली पसंद रहे अडानी कंपनी के साइलो प्लांट के बाहर आम आदमी पार्टी ने धरना देकर इसे बंद करने की मांग की है। इस अवसर पर बरनाला के आप विधायक मीत हेयर निहाल सिंह वाला से विधायक मंजीत सिंह बिलासपुर व हलका इंचार्ज नवदीप सिंह संघा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल थे।
संवाद सहयोगी, मोगा
साल 2005 से गेहूं स्टोरेज के क्षेत्र में मोगा व फिरोजपुर जिले के किसानों की पहली पसंद रहे अडानी कंपनी के साइलो प्लांट के बाहर आम आदमी पार्टी ने धरना देकर इसे बंद करने की मांग की है। इस अवसर पर बरनाला के आप विधायक मीत हेयर, निहाल सिंह वाला से विधायक मंजीत सिंह बिलासपुर व हलका इंचार्ज नवदीप सिंह संघा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल थे।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अडानी कंपनी के एक बोर्ड को भी तोड़ा। वहीं प्रदर्शनकारियों ने प्लांट के बाहर दीवारों पर अडानी गो बैक के नारे भी लिखे।
इस अवसर पर विधायक मंजीत सिंह बिलासपुर ने कहा कि कृषि विधेयक किसानों को खत्म करने वाला है। मोदी सरकार जब तक इन विधेयकों को वापस नहीं लेती है, तब तक आम आदमी पार्टी का आंदोलन जारी रहेगा। बरनाला के विधायक मीत हेयर ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों के हर तरह के संघर्ष में किसानों का साथ देगी।
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आप बताए, कौन नहीं चाहता प्लांट में गेहूं स्टोर कराना : भाजपा
उधर, कृषि विधेयकों को लेकर पहली बार भाजपा ने चुप्पी तोड़ी है। पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सुनील गर्ग एडवोकेट ने आप से सवाल किया है कि अडानी के सायलो प्लांट को कांग्रेस की केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी। साल 2005 से जब से यहां स्टोरेज शुरू किया गया है, मोगा फिरोजपुर के किसान चार-चार दिन तक सड़कों पर खुले में लाइन लगाकर खड़े रहते हैं। उनकी प्राथमिकता साइलो प्लांट में गेहूं स्टोरेज कराने की होती है। यहां पर न तो बारदाने का प्रयोग होता है न तुलाई होती है और गेहूं स्टोरेज होने के कुछ घंटों में ही किसान का भुगतान उनके खाते में चला जाता है। उन्होंने कहा है कि आम आदमी पार्टी पहले उन किसानों से जाकर पूछती जो साइलो प्लांट में आकर स्टोरेज कराते हैं। एक भी उदाहरण आप बताए कि जो साइलो प्लांट में स्टोरेज नहीं करना चाहता हो।
जिला भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा कि सच्चाई यह है कि चाहे कांग्रेस हो या आप। दोनों पार्टियां अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसानों को गुमराह कर किसानों को कर्जाई बनाकर रखना चाहती हैं। दोनों पार्टियां उन किसानों की सच्चाई छिपा रही हैं, जिन्होंने कांट्रेक्ट फार्मिग अपनाकर अपनी समृद्धि की नई कहानी लिखी है।