तीसरा चरण : 248 ने लगवाई वैक्सीन, 70 लोग 60 साल से ज्यादा उम्र के शामिल

कोरोना वैक्सीनेशन के तीसरे चरण के दूसरे दिन एक बार फिर आम लोगों में वैक्सीन को लेकर काफी उत्साह देखा गया लेकिन सरकारी सिस्टम दूसरे दिन भी बीमार दिखा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 11:40 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 11:40 PM (IST)
तीसरा चरण : 248 ने लगवाई वैक्सीन, 70 लोग 60 साल से ज्यादा उम्र के शामिल
तीसरा चरण : 248 ने लगवाई वैक्सीन, 70 लोग 60 साल से ज्यादा उम्र के शामिल

जागरण संवाददाता.मोगा

कोरोना वैक्सीनेशन के तीसरे चरण के दूसरे दिन एक बार फिर आम लोगों में वैक्सीन को लेकर काफी उत्साह देखा गया, लेकिन सरकारी सिस्टम दूसरे दिन भी बीमार दिखा। पोर्टल काफी धीमी गति से चलने के कारण निजी अस्पतालों को हेल्थ विभाग कोरोना वैक्सीन सप्लाई ही नहीं कर पाया।

दूसरे दिन भी छह सरकारी केन्द्रों व एक निजी अस्पताल में वैक्सीनेशन किया गया। जिले में कुल 248 लोगों ने वैक्सीन लगवाईं, जिनमें से 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 70 रही, यानि ज्यादा उम्र के लोग वैक्सीन लगवाने में सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

वैक्सीनेशन के लिए बनाए गए सहायक नोडल अधिकारी डा.गगनसिंह ने बताया कि मथुरादास सिविल अस्पताल केन्द्र पर दूसरे दिन भी 124 लोगों को वैक्सीन लगाई गईं, जबिक कोट ईसे खां में 38, बधनी में 10, मित्तल अस्पताल में 10, निहालसिंह वाला में 26, डुढीके में 20, बाघापुराना में 20 लोगों को कोवा वैक्सीन लगाई गईं। दूसरे दिन भी सभी को कोवा शील्ड की वैक्सीन ही लगाई गईं, पोर्टल की गति धीमी होने के कारण एक दिन पहले मोगा पहुंची को वैक्सीन की तीन हजार डोज को दूसरे दिन भी खोला नहीं जा सका, जबकि दूसरे दिन शाम तक मोगा जिले को 12 हजार कोवा शील्ड की डोज और उपलब्ध हो गई हैं, दो दिन में मिलीं तीन हजार को वैक्सीन जबकि 12 हजार कोवा शील्ड वैक्सीन को कोल्ड चेन में स्टोर कर दिया गया है।

माना जा रहा है कि कोवा एप का पोर्टल की गति बढ़ने के बाद ही निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज हो सकेगी। दूसरे दिन भी 29 दिन के बाद रिपीट वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या काफी कम रही। 30 लोगों ने ही रिपीट वैक्सीन लगवाई, बाकी सभी नए आम लोगों ने वैक्सीन लगवाकर दिखाया कि भले ही हेल्थ वर्कर वैक्सीन लगवाने को ज्यादा उत्साहित न हों, लेकिन आम लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर काफी रुचि है।

वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में शामिल हेल्थ वर्कर का कहना है कि एक-एक व्यक्ति का डाटा फीट करने में कई बार आधा-आधा घंटा लग रहा है, पोर्टल की स्पीड अगर सही ढंग से काम करे तो वैक्सीनेशन का आंकडा प्रतिदिन काफी ज्यादा हो सकता है।

रजिस्ट्रेशन करवाने में लोगों को आ रही है परेशानी

जिस प्रकार से कोरोना संक्रमण दोबारा तेजी के साथ पैर पसार रहा है, ये भी एक बड़ा कारण हो सकता है कि आम लोग वैक्सीनेशन के लिए काफी उत्साह दिखा रहे हैं, लेकिन रजिस्ट्रेशन व पोर्टल दोनों की गति काफी धीमी होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि सरकार ने आन स्पाट रजिस्ट्रेशन की सुविधा तो दे दी है, लेकिन रजिस्ट्रेशन के तत्काल बाद वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है। रजिस्ट्रेशन के बाद कहां किसको वैक्सीन लगाई जानी है, ये मैसेज बाद में भेजा जाता है, जिस कारण वैक्सीन लगवाने के इच्छुक लोगों को दो बार संबंधित केन्द्रों पर जाना पड़ता है।

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