मंडियों में गेहूं की 50 प्रतिशत लिफ्टिंग, भुगतान सात दिन बाद हुआ शुरू
। जिले की मंडियों में प्रशासन भले ही खरीद प्रबंध बेहतर होने का दावा कर रहा है लेकिन गेहूं की बोरियों के लगे अंबार जिला खरीद प्रबंधों की पोल खोल रहे हैं।
जागरण संवाददाता,मोगा
जिले की मंडियों में प्रशासन भले ही खरीद प्रबंध बेहतर होने का दावा कर रहा है, लेकिन गेहूं की बोरियों के लगे अंबार जिला खरीद प्रबंधों की पोल खोल रहे हैं।
मंडी बोर्ड के आंकड़ों की ही बात करें तो खरीद जरूर 75 प्रतिशत कही जा सकती है, लेकिन लिफ्टिग 50 प्रतिशत भी नहीं हो पा रही है, भुगतान खरीद के सात दिन बाद शुरू हुआ है, यानि किसानों का पेमेंट 48 घंटे में करने का दावा किया गया था, सात दिन बाद शुरू हुआ है। 12 अप्रैल को जिन किसानों ने अपना गेहूं खरीद एजेंसियों को बेच दिया था, उनके खाते में सोमवार की शाम को साढ़े तीन बजे के बाद पेमेंट आने शुरू हुए हैं।
जिले की मंडियों में सोमवार की शाम तक अब तक 3614069 क्विटल गेहूं की आमद हो चुकी है, जिसमें से 3033704 खरीदा जा चुका है लेकिन लिफ्टिग की गति काफी धीमी है।
डिप्टी कमिश्नर एम.के.अरविद कुमार ने दावा किया है कि मंडी में किसानों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा, सच्चाई ये है कि किसान मंडी में परेशान हैं, कई-कई दिन उन्हें मंडी में बैठना पड़ रहा है।
ये हैं खरीद के आंकड़े
सोमवार की आमद 555667 क्विटल
अब तक की कुल आमद 3614069 क्विटल
सोमवार की खरीद 566906 क्विटल
सरकारी कुल खरीद 3033704 क्विटल
बिना खरीदी 580365 क्विटल
कुल लिफ्टेड 1057063 क्विटल
कुल अनलिफ्टेड 1976641 क्विटल
प्राईवेट खरीद शून्य किसानों को मंडी में ये हो रही हैं परेशानियां
गेहूं खरीद के लिए किसानों को चार से पांच दिन तक मंडियों में खरीद एजेंसियों का इंतजार करना पड़ रहा है।
पानी, सफाई व सुरक्षा की नहीं हो कोई व्यवस्था, मोगा की मुख्य दाना मंडी में रात के समय बड़े पैमाने पर होता है गेहूं चोरी, पानी की टंकियों के नाम पर औपचारिकता पूरी की है, गरम पानी मिलता है, टंकियां नहीं है साफ।
12 अप्रैल को जिन किसानों के गेहूं खरीदा गया, उनका सातवें दिन मिला पेमेंट, जबकि वादा है कि 48 घंटे पेमेंट का
बारदाना व लिफ्टिग की समस्या हुई गंभीर, मंडी में लगता जा रहा है गेहूं की बोरियों का अंबार