निजी अस्पतालों में 50 मरीजों की सांसें संकट में, आक्सीजन खत्म

जिले के निजी अस्पतालों में भर्ती करीब 50 मरीजों की सांसे आक्सीजन को लेकर पैदा हुए संकट के कारण अटक गई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 10:46 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 10:46 PM (IST)
निजी अस्पतालों में 50 मरीजों की सांसें संकट में, आक्सीजन खत्म
निजी अस्पतालों में 50 मरीजों की सांसें संकट में, आक्सीजन खत्म

सत्येन ओझा/राजकुमार राजू मोगा : जिले के निजी अस्पतालों में भर्ती करीब 50 मरीजों की सांसे आक्सीजन को लेकर पैदा हुए संकट के कारण अटक गई हैं। अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए निजी अस्पतालों ने ब्लैक में आक्सीजन सिलेंडर खरीदने शुरू कर दिए है। इस बीच डिप्टी मेडिकल कमिश्नर ने भी स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध आक्सीजन सिलेंडर आपात स्थिति को देखते हुए निजी अस्पताल में भेजने शुरू कर दिए हैं। जीरा रोज स्थित गर्ग अस्पताल में मरीजों के हालात को देखते हुए शाम को 18 सिलेंडर भेजे गए। उधर, वीरवार को वैक्सीन खत्म हो जाने के कारण मथुरादास सिविल अस्पताल में वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने पहुंचे कांग्रेस के पूर्व विधायक विजय कुमार साथी सहित कई लोगों को वापस भेज दिया गया। हालांकि शाम को चंडीगढ़ से 5900 वैक्सीन उपलब्ध कराई गईं, जो देर रात में मोगा पहुंची।

क्या है जमीनी हकीकत

मोगा में निजी अस्पतालों में पानीपत से आक्सीजन सिलेंडर सप्लाई होती थी। प्रतिदिन मोगा में औसतन 26 टन आक्सीजन गैस आ रही थी। मंगलवार को अंतिम खेप मोगा पहुंची थी, उसके बाद हरियाणा बार्डर पर आक्सीजन सिलेंडर से भर ट्रक हरियाणा के ड्रग कंट्रोलर ने रुकवा दिए। सिविल अस्पताल में आक्सीजन सिलेंडर मौजूद हैं, लेकिन अस्पताल इन्फ्रास्ट्रक्टर के कारण गंभीर मरीजों को भर्ती ही नहीं कर रहा है। करीब 50 की संख्या में कोरोना से गंभीर मरीज शहर के निजी अस्पतालों में भर्ती हैं, जो आक्सीजन सिलेंडर पर हैं।

मेडिसिटी में लगा है आक्सीजन प्लांट

शहर के एक मात्र सिविल लाइंस स्थित मोगा मेडिसिटी में आक्सीजन प्लांट लगा है। अस्पताल के एमडी अजमेर कालड़ा ने बताया कि अस्पताल के प्लांट में प्रतिदिन 50 सिलेंडर आक्सीजन उत्पादन की क्षमता है, जबकि अस्पताल की प्रतिदिन की खपत 120 से 130 गैस सिलेंडरों की है। ऐसे में फिलहाल इमरजेंसी को देखते हुए वहां पर मरीजों की जिदगी बचाने का कुछ हद तक प्रयास किया जा सकता है।

---- इलेक्टिव सर्जरी पर लगाई रोक

पंजाब सरकार ने आक्सीजन की कम उपलब्धता को देखते हुए प्रदेश के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में इलेक्टिव सर्जरी पर पूरी तरह रोक लगा दी है। यानि जिस सर्जरी के बिना फिलहाल काम चलता है, ऐसी कोई सर्जरी सरकार व निजी अस्पताल में 30 अप्रैल तक नहीं होगी। सिर्फ इमरजेंसी सर्जरी ही होंगी, जिनमें मरीज की जान जाने का खतरा हो। जिले में कुल 175 हैं कोरोना के बैड

जिले में कोरोना के 175 बैड एल-2 लेवल के हैं, जिनमें 143 बैड निजी अस्पतालों में हैं। जबकि 30 बैड मथुरादास सिविल अस्पताल में मौजूद हैं। ये वो बैड हैं जहां मरीज गंभीर तो होता है, लेकिन जान जाने का जोखिम कम होता है। जबकि सात एल-3 लेवल के बैड मोगा मेडिसिटी, गर्ग नर्सिंग होम जीरा रोड, मित्तल अस्पताल पुरानी दशहरा ग्राउंड रोड, राजीव अस्पताल फिरोजपुर हाईवे, हरबंस नर्सिंग होम कोई ईसे खां में उपलब्ध हैं। डीएमसी डा. अत्री आए मरीजों की जान बचाने

आक्सीजन के गंभीर संकट में इस समय जब निजी अस्पतालों में आक्सीजन खत्म हो चुकी है, तब मरीजों की जिदगी बचाने के लिए डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डा.राजेश अत्री आगे आए हैं। उन्होंने गर्ग नर्सिंग होम की डिमांड को देखते हुए वीरवार शाम को 18 सिलेंडर भेजे हैं। डा. अत्री का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के पास इस समय 58 आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। आपात स्थिति को देखते हुए किसी भी निजी अस्पताल में अगर मरीज की जिदगी खतरे में पड़ती है तो सिविल अस्पताल उन्हें सिलेंडर मुहैया कराएगा।

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