सुखबीर बादल की कोरोना सियासत से एसजीपीसी के अक्स को नुकसान पहुंचा रहा है

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा गुरु नानक कालेज बुढ़लाडा में कोरोना पीड़ितों के लिए बनाए गए सहायता केंद्र का खुलना अच्छा कदम है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 May 2021 10:51 PM (IST) Updated:Sun, 23 May 2021 10:51 PM (IST)
सुखबीर बादल की कोरोना सियासत से एसजीपीसी के अक्स को नुकसान पहुंचा रहा है
सुखबीर बादल की कोरोना सियासत से एसजीपीसी के अक्स को नुकसान पहुंचा रहा है

संसू, भीखी (मानसा)

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा गुरु नानक कालेज बुढ़लाडा में कोरोना पीड़ितों के लिए बनाए गए सहायता केंद्र का खुलना अच्छा कदम है। जिससे कोरोना पीड़ितों को लाभ मिलेगा। लेकिन इस एसजीपीसी की सहायता से बने सहायता केंद्र का शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा लाभ लिया जाना निदनीय है। इससे संस्था के अक्स को नुक्सान पहुंचेगा। बात शिरोमणि कमेटी के एग्जकेटिव कमेटी सदस्य मास्टर मिट्ठू सिंह काहनके, धर्म प्रचार कमेटी सदस्य मनजीत सिंह बप्पीआणा, कौर सिंह खारा, गुरुद्वारा सिंह सभा बरेटा के प्रधान भोला सिंह काहनगढ़, नाजर सिंह प्रधान, परमजीत सिंह भीखी द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा साहिब की गोलक की माया से खोले गए कोविड सहायता केंद्र पर शिरोमणि अकाली दल बादल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल राजनीति कर रहे हैं व कोरोना पीड़ितों का दुख बांटने की बजाए राजनीतिक रोटियां सेक कर कुर्सी के सपने देख रहे हैं, जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन से सब्जियों की रेट लिस्ट जारी करने की मांग

वैश्विक महामारी के चलते जहां पूरी दुनिया बेहाल है, वहीं लोगों का काम धंधा पूरी तरह से बंद हो चुका है। इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग कालाबाजारी कर जरूरी वस्तुओं को मनमर्जी के दाम पर बेच रहे हैं।

जबकि कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के बावजूद सब्जी विक्रेता जहां सरकारी दिशानिर्देशो का उल्लंघन कर रहे हैं, वहीं गली मोहल्लों और बाजारों में भीड़ को बढ़ावा देकर बिना मास्क और बिना किसी शारीरिक दूरी के सब्जी और फलों को मनमर्जी के दाम पर बेच रहे हैं। बेशक सरकार और जिला प्रशासन ने कालाबाजारी करने वालो पर सख्त कार्रवाई के दावे किए जा रहे हैं, परंतु इन सबके बीच कुछ लोग इस महामारी का फायदा उठाकर सब्जी और खाद्य पदार्थों के दामों में बढ़ोतरी कर लोगों को लूटने में लगे हैं। अन्य मंडियों में 55-60 रुपये किलो बिकने वाला नीबू सौ रुपये किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है, इसके अलावा टिंडा, तोरी, कद्दू, टमाटर, फली तथा अन्य सब्जियों के दाम भी काफी अधिक वसूल रहे हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि वह जरूरी वस्तुओं की कालाबाजारी रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।

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