सुखबीर बादल ने सरदूलगढ़ के गांवो का किया दौरा
शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने हलका सरदूलगढ़ के गांव झंडा खुर्द झंडा कलां व मानखेड़ा का भी दौरा किया
संसू, सरदूलगढ़: शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने हलका सरदूलगढ़ के गांव झंडा खुर्द, झंडा कलां व मानखेड़ा का भी दौरा किया और गुलाबी सूंडी से प्रभावित खेतों का निरीक्षण किया। पीड़ित किसानों से मुलाकात की और सरकार से उन्हें मुआवजा देने की मांग की। उधर, गुलाबी सूंडी प्रभावित गांवों का शनिवार को दौरा करने गए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रधान सुखबीर सिंह बादल को किसान यूनियन ने काले झंडे दिखा कर विरोध किया। सुखबीर बादल ने गांव रुलदू सिंह वाला से दौरा शुरू किया और पहले गांव से ही उनका विरोध शुरू हो गया। इस दौरान किसानों ने सुखबीर से पूछा कि जब उनकी सरकार थी तो सफेद मक्खी ने किसानों की फसल बर्बाद कर दी थी। तब उन्होंने क्यों दौरा नहीं किया था। तब किसानों को लंबे संघर्ष के बाद भी महज आठ हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिला था।
गांव सेखू में किसान यूनियन सिद्धुपुर के नेता करतार सिंह ने साफ कह दिया कि जब सभी राजनीतिक दलों को अपील की गई है कि जब तक कृषि कानून रद नहीं होते, तब तक कोई भी नेता गांवों में न आए। ऐसे में उनका यहां आना ठीक नहीं है। भले ही सुखबीर का आज का दौरा सीधे तौर पर राजनीतिक नहीं है, लेकिन वह गुलाबी सूंडी प्रभावित गांवों का दौरा करने का बहाना बना कर गांवों में घुसना चाहते हैं। इसी कारण उनका विरोध किया जा रहा है।
गुलाब सिंह ने कहा कि कृषि बिलों के कारण किसानों पर आफत बनी हुई है और बाकी बचती कसर गुलाबी सूंडी ने निकाल दी। किसानों की नरमे की पूरी फसल बर्बाद हो गई है और नेताओं को राजनीति सूझ रही है। उन्होंने कहा कि शिअद की सरकार के समय सफेद मक्खी के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई थीं, लेकिन उस समय भी मुआवजा देने के लिए शिअद सरकार तैयार नहीं थी। किसानों को मुआवजा लेने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा था। इसके बाद भी उन्हें महज आठ हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया गया था। अब उनकी विरोधी सरकार है तो उन्हें गांवों का दौरा करने की याद गई। अपनी सरकार के समय वह क्यों नहीं सफेद मक्खी से प्रभावित गांवों में दौरा करने आए। किसानों ने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को गांवों में नहंी आने दिया जाएगा। जो भी नेता आएगा उनका सख्त विरोध किया जाएगा।