गुरु ही दिखाते हैं भगवान से मिलने का रास्ता: देवकीनंदन

श्रीमद् भागवत सप्ताह के अंतिम दिन ज्योति प्रचंड करने की रस्म अग्रवाल सभा के जिला प्रधान विनोद भंमा ने निभाई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 10:16 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 10:16 PM (IST)
गुरु ही दिखाते हैं भगवान से मिलने का रास्ता: देवकीनंदन
गुरु ही दिखाते हैं भगवान से मिलने का रास्ता: देवकीनंदन

संसू, मानसा: श्री राधाष्टमी के संबंध में श्री कृष्ण कीर्तन मंडल द्वारा गीता भवन में करवाई जा रही श्रीमद् भागवत सप्ताह के अंतिम दिन ज्योति प्रचंड करने की रस्म अग्रवाल सभा के जिला प्रधान विनोद भंमा, डा. कमलदीप, तरसेम चंद व जैकी कुमार द्वारा अदा की गई।

इस मौके पर स्वामी देवकीनंदन गोकुलवाले ने कहा कि हमें भगवान की लीलाओं को समझना होगा। जो भक्त सच्चे मन से भगवान को पुकारते हैं, भगवान बिना किसी देरी के आवाज सुनते है व उन्हें दर्शन देते हैं। भगवान को मिलने का रास्ता गुरु दिखाते हैं। इसलिए गुरु की सेवा करनी चाहिए। समागम से पहले प्रभातफेरी का आयोजन किया गया, जिसकी आरती श्री सनातन धर्म सभा के महासचिव राजेश पंधेर के घर पर की गई। गीता भवन में हवन यज्ञ, झंडा रस्म व विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। यहां धर्मपाल पाली, अमर पीपी, पवन धीर, सुरिदर लाली, सुभाष पप्पू, राजेश पंधेर, अमृतपाल मितल, प्रवीन टोनी, नारायण कूका, इंदरसेन अकलिया, ज्ञान चंद, दीवान भारती, बाबू राम, विनोद रानी, शीला रानी, अशोक गोगी, अंकुश आदि मौजूद थे।

आत्मा का परमात्मा से मिलन कराती है श्रीमद् भागवत कथा: अनिरुद्धाचार्य श्री बांके बिहारी सेवा समिति की ओर से प्रधान संजीव सिगला की अगुआई में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक सरूप चंद सिगला मुख्य मेहमान के तौर पहुंचे। कार्यक्रम के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने के लिए पहुंचे।

इस मौके पर कथा करते हुए अनिरुद्धाचार्य महाराज वृंदावन वाले ने श्री कृष्ण की ओर से राजा परीक्षित को दिए श्राप और फिर मुक्ति के लिए उनके भाई सुखदेव से मिलन की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण आत्मा का परमात्मा से मिलन करवाता है। सुखदेव मुनि ने राजा परीक्षित से कहा कि हे परीक्षित, सब को सात दिन में ही मरना है। इस सृष्टि में आठवां दिन तो अलग से बना नहीं है। संसार में जितने भी प्राणी हैं वे सभी परीक्षित हैं। सब की मृत्यु एक न एक दिन तो होनी है और जो मनुष्य एक बार श्रीमद् भागवत की कथा श्रवण कर ले और उसे सुनकर जीवन में उतार ले तो उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। उसे भगवान की प्राप्ति हो जाती है। ज्ञान के बिना जीवन में अंधेरा है और आचरण के बिना जीवन की पवित्रता नहीं है। चेतना के विकास के लिए ज्ञान के साथ अच्छा आचरण होना जरूरी है।

कथा के अंत में प्रधान संजीव सिगला ने बताया कि भागवत कथा 18 सितंबर तक चलेगी। इसके अंतिम दिन भोग डाला जाएगा। इस दौरान राकेश जिदल, विपिन जिदल, राजीव सिगला, रशपाल गोयल, भूषण गोयल, ईश्वर दयाल, सतपाल गोयल, रविद्र कुमार, योगेश, पंकज गोयल, राकेश बांसल, सोनू गर्ग, अर्जित गोयल व मोहित गोयल भी शामिल थे।

chat bot
आपका साथी