नथाना के स्कूलों में पहले दिन रही 60 फीसद हाजिरी

लंबे समय के बाद खुले नथाना के स्कूलों में पहले दिन हाजिरी 60 फीसद के करीब रही।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 10:11 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 10:11 PM (IST)
नथाना के स्कूलों में पहले दिन रही 60 फीसद हाजिरी
नथाना के स्कूलों में पहले दिन रही 60 फीसद हाजिरी

संसू, नथाना: लंबे समय के बाद खुले नथाना के स्कूलों में पहले दिन हाजिरी 60 फीसद के करीब रही। सरकारी प्राइमरी स्कूल लड़के के इंचार्ज सुखपाल सिंह व स्टाफ ने बच्चों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्कूल पहुंचने पर स्वागत किया। 164 में से 92 विद्यार्थी स्कूल पहुंचे। वहीं दूसरी तरफ सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल लड़के के प्रिसिपल सुखदीप सिंह ने बताया कि स्कूल में 463 में से 360 बच्चे उपस्थित हुए। सरकारी हाई स्कूल लड़कियों की प्रिसिपल डा. नीतू कुमार ने बताया कि स्कूल में 217 में से 140 बच्चे उपस्थित रहे। सरकारी प्राइमरी स्कूल लड़कियों के इंचार्ज मनसुखजीत सिंह ने बताया कि 160 में से 91 विद्यार्थी आज पहले दिन स्कूल पहुंचे। वहीं बठिडा में लंबे अंतराल के बाद आखिरकार सोमवार से प्री-प्राइमरी से 12वीं तक की सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खोल दिए गए। हालांकि पहले दिन सिर्फ सरकारी स्कूल ही खुले, जबकि निजी स्कूल मंगलवार से खुलेंगे। निजी स्कूलों अभी प्री-प्राइमरी कक्षा के बच्चों को नहीं बुलाया जा रहा है। उन्होंने फैसला किया है कि फिल्हाल अभिभाविकों की सहमति पर कक्षा पहली से बच्चों को बुलाएंगे। वहीं सरकारी स्कूलों में पहले दिन 25 से 30 फीसद विद्यार्थी ही पहुंचे, जबकि पहले से चल रहीं नौवीं से बारहवीं कक्षा में 50 फीसद हाजिरी रही। इस दौरान विद्यार्थियों को एक बेंच छोड़कर बैठाया गया। साथ ही जिनके पास मास्क नहीं थे, उन्हें मास्क दिए गए। हालांकि कुछ स्कूलों में नियमों का ध्यान नहीं रखा गया। स्टाफ से लिया जा रहा वैक्सीन का सर्टिफिकेट: डीईओ

जिला शिक्षा अधिकारी मेवा सिंह सिद्धू ने कहा कि स्कूल खुलने से पहले टीचिग व नान टीचिग स्टाफ को वैक्सीन लगवाने के लिए कहा गया था। बिना वैक्सीन वाले स्टाफ को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उनसे वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जमा करवाने को कहा गया है। नए बन रहे स्कूलों में दो शिफ्टों में लग रही क्लास

वैसे तो सभी स्कूलों में बच्चों को बुलाया जा रहा है, लेकिन जो स्कूल बन रहे हैं, वहां प्रबंधकों को बच्चों को बैठाने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं स्कूल प्रबंधकों द्वारा इसे मैनेज करने के लिए दो शिफ्टों में बुलाया जा रहा है। स्कूल प्रबंधक कोशिश कर रहे हैं किसी भी तरह कक्षाओं को मैनेज कर बच्चों को बुलाया जा सके।

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