जीवन में विकास के लिए संस्कारों का होना जरूरी: साध्वी शुभिता

जैन सभा में सत्संग के दौरान साध्वी शुभिता महाराज ने कहा कि जीवन का प्रारंभ अच्छा है तो अंत भी अच्छा ही होगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 10:13 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 10:13 PM (IST)
जीवन में विकास के लिए संस्कारों का होना जरूरी: साध्वी शुभिता
जीवन में विकास के लिए संस्कारों का होना जरूरी: साध्वी शुभिता

संवाद सूत्र, मौड़ मंडी: जैन सभा में सत्संग के दौरान साध्वी शुभिता महाराज ने कहा कि जीवन का प्रारंभ अच्छा है तो अंत भी अच्छा ही होगा।

उन्होंने का कि प्रारंभ में जो अच्छाई हमारे में है, जो धर्माराधना का बीज और संस्कार हमारे में है, उसमें निरंतर प्रवृत्त रहने से ही वह टिकता है। अंत में परिलक्षित होता है। साध्वी ने कहा कि शिक्षा का मूल्य संस्कार पर आधारित है। संस्कार के अभाव में शिक्षा ज्ञान का माध्यम हो सकता है, लौकिक जगत में कभी महत्ता के साथ स्वीकार्य हो सकता है, लेकिन जीवन में शिक्षा से अधिक संस्कार का मूल्य है। जिस प्रकार एक छोटे से बीज के भीतर विशाल वृक्ष की भवितव्यता छिपी होती है, उसी प्रकार एक बच्चे के भीतर एक महापुरुष होने की सभी संभावनाएं और प्रतिभाएं विद्यमान रहती हैं। अंत: करण में छिपे संस्कारों, प्रतिभाओं को सही दिशा, मार्गदर्शन से ही बाहर लाया जा सकता है। जीवन में विकास लाने के लिए

संस्कारों का होना बहुत आवश्यक है। अंधकार को नष्ट कर जीवन में ज्ञान का प्रकाश करता है गुरु: डा. राजेंद्र मुनि जैन स्थानक कपड़ा मार्केट के प्रवचन हाल में जैन संत पूज्य डा.राजेंद्र मुनि ने गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में आयोजित प्रवचन माला में जीवन में गुरु को नींव की भांति बतलाया। उन्होंने कहा कि बिना नींव के भव्य बहुमंजला ईमारतें आंधी-तूफान में धराशाई हो जाती हैं। हमारा जीवन रूपी महल भी गुरु रूपी नींव के अभाव में डांवाडोल हो जाता है। गुरु अज्ञान अंधकार को नष्ट कर हमें ज्ञान का प्रकाश प्रदान करता है। बिना गुरु जीवन अंधेरे में भटकता रहता है। गुरु उस बिजली घर की तरह है जहां से सर्वत्र बिजली का संचार होता है एवं दुनिया जगमगाती रहती है। गुरु ही हमारे जीवन में उजाला लाता है।

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