बुढलाडा में पंचायती गोशाला में राम कथा आज से

पंचायती गोशाला भवन में श्री राम कथा का आरंभ बुधवार से हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 10:53 PM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 10:53 PM (IST)
बुढलाडा में पंचायती गोशाला में राम कथा आज से
बुढलाडा में पंचायती गोशाला में राम कथा आज से

संसू, बुढलाडा : पंचायती गोशाला भवन में श्री राम कथा का आरंभ बुधवार से हो रहा है। कमेटी के प्रधान सुभाष चंद्र ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस साल भी श्री राम कथा छह अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक चलेगी, जिसका रोजाना समय सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम चार बजे तक होगा। मगर 14 अक्टूबर को रामनवमी के अंतिम दिन यह समय 10 से 12 और उसके उपरांत सभी भक्तों के लिए अटूट लंगर चलाया जाएगा। श्री राम कथा के लिए श्री वृंदावन से श्रीमद् भागवत गीता व मानस प्रचारक आचार्य स्वामी ललित किशोर जी पहुंच रहे हैं। श्री शिव शंकर बाला जी लंगर कमेटी की लंगर सात अक्टूबर को

बठिडा में श्री शिव शंकर बाला लंगर कमेटी की ओर से दूसरा विशाल भंडारा सात अक्टूबर को प्रभु इच्छा तक इच्छापूर्ति मंदिर सरदार शहर रत्नगढ़ रोड से दो किलोमीटर आगे लगाया जा रहा है। कमेटी के प्रधान अमित कुमार भुटानी व चेयरमैन सुभाष मंगला ने बताया कि इस भंडारे में श्री बाला जी मंदिर लाल सिंह बस्ती, श्री बाला जी मेहंदीपुर सालासर यात्रा संघ बठिडा का सहयोग रहा। इस मौके पर महंत हुक्म चंद गोयल संस्थापक मंदिर श्री बाला लाल सिंह बस्ती, महंत नोहर चंद गोयल मौजूद थे।

दमदमा साहिब साहित्य सभा ने वार्षिक समागम करवाया

तलवंडी साबो में दमदमा साहिब साहित्य सभा की तरफ से जगरुप सिंह मान यादगारी साहित्यिक समागम तलवंडी साबो के खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित किया गया। इस समागम को तीन अलग अलग पड़ावों के अंतर्गत प्रसिद्ध साहित्यकार गुरदेव खोखर का सबसे पहले सम्मान किया गया। दूसरे पड़ाव तहत सुखमिदर सिंह भागीवांदर के गीत संग्रह गीत गुलदस्ता, डा. गुरनाम खोखर के नावल जख्मी रीझां और डा. अमनदीप सिंह के अनुवादित नावल शानामते को रिलीज किया गया। इस दौरान बलविदर सिंह बाघा और भोला सिंह शमीरिया ने पर्चे प्रस्तुत किए। समागम के तीसरे चरण तहत हाजिर कवियों ने अलग अलग विषयों पर गीत, कविताएं, नजमां, गजलों, रुबाइयां, कविशरियों, कावि-विअंग आदि वंगनियों की पेशकारी से वाह वाह लूटी, इस समागम में प्रिसिपल जगदीश सिंह घई ने मुख्य मेहमान के तौर पर शिरकत की जबकि सुरिदरप्रीत घणियां, तरसेम नरुला, अतरजीत कहानीकार विशेष तौर पर हाजिर हुए। मंच का संचालन तरसेम सिंह बुट्टर ने किया। समागम को सफल बनाने में रणजीत सिंह, मनदीप सिंह, लक्षमण, बलविदर सिंह, रघवीर सिंह, जगदीप गिल, डा. गुरनाम सिंह आदि का सहयोग रहा।

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