पहले नरमा प्रति क्विंटल बिक रहा था आठ हजार प्रति क्विंटल, कृषि कानून निरस्त होते ही तीन हजार आया रेट, किसानों का प्रदर्शन

किसानों ने अनाज मंडी में नरमे की खरीद के समय सीसीआइ अधिकारियों व प्राइवेट व्यापारियों द्वारा सही भाव न लगाए जाने के विरोध में मानसा-सिरसा रोड पर जाम लगाकर रोष प्रदर्शन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 09:50 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 09:50 PM (IST)
पहले नरमा प्रति क्विंटल बिक रहा था आठ हजार प्रति क्विंटल,  कृषि कानून निरस्त होते ही तीन हजार आया रेट, किसानों का प्रदर्शन
पहले नरमा प्रति क्विंटल बिक रहा था आठ हजार प्रति क्विंटल, कृषि कानून निरस्त होते ही तीन हजार आया रेट, किसानों का प्रदर्शन

संसू, मानसा : किसानों ने अनाज मंडी में नरमे की खरीद के समय सीसीआइ अधिकारियों व प्राइवेट व्यापारियों द्वारा सही भाव न लगाए जाने के विरोध में मानसा-सिरसा रोड पर जाम लगाकर रोष प्रदर्शन किया गया।

संगठन के सीनियर प्रांतीय उपाध्यक्ष गोरा सिंह भैणीवाघा ने बताया कि मानसा में सीसीआइ और व्यापारियों द्वारा मंगलवार को नरमे की खरीद के समय एमएसपी 5900 रुपये से भी बहुत नीचे जाकर तीन हजार से बोली शुरू की गई।

इससे पहले से ही गुलाबी सुंडी व रे-स्प्रे के अति अधिक खर्चे व चुगाई के लिए मजदूर न मिलने के कारण काफी लागत आई है। इस पर संगठन के नेताओं की अगुआई में समूह किसानों ने एकत्र होकर मानसा-सिरसा रोड पर जाम करके जबरदस्त नारेबाजी की और रोष प्रदर्शन किया। इस पर स्थानीय प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने मामले को सुलझाते हुए बोली दोबारा शुरू करवाई।

नेताओं ने बताया कि पहले यही नरमा 8 हजार रुपये प्रति क्विंटल बिकता रहा है लेकिन जैसे ही खेतीबाड़ी से संबंधित तीनों कानून वापस हुए, दूसरी तरफ से किसानों का शोषण शुरू कर दिया गया। इसको बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भविष्य में फिर इसी तरह किसानों के सफेद सोने की बेकद्री की गई तो जत्थेबंदी तीखा संघर्ष करने को मजबूर होगी। इस मौके भारतीय किसान यूनियन डकौंदा के मक्खन सिंह भैणीवाघा, लक्खा सिंह भैणीवाघा आदि नेताओं सहित बड़ी गिनती में किसान उपस्थित थे।

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