ग्रामीण और खेत मजदूरों ने फूंका चन्नी का पुतला
देहाती मजदूर सभा पंजाब की बठिडा जिला कमेटी की तरफ से मुख्यमंत्री का पुतला फूंका गया।
संवाद सूत्र, संगत मंडी: देहाती मजदूर सभा पंजाब की बठिडा जिला कमेटी की तरफ से बीड़ बहमण, मिया, मुल्तानिया, जय सिंह वाला, जंगीराणा, कालझरानी, जोधपुर रोमाना और नरुआना में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के पुतले फूंक कर रोष प्रदर्शन किए। पुतला फूंक प्रदर्शनी का आह्वान ग्रामीण और खेत मजदूर जत्थेबंदियों के साझे मोर्चे की तरफ से दिया गया था। मिट्ठू सिंह, प्रकाश सिंह, गुरमीत सिंह ने कहा कि हमारी मानी गई मांगों को लागू करने से सरकार टाल मटोल वाली नीति अपना रही हैं। नेताओं ने 12 दिसंबर को संगत मंडी और जेठूके में 12 से 4 बजे तक किए जा रहे ट्रेन रोको आंदोलन में परिवारों सहित बढ़ चढ़कर शामिल होने की अपील की। आज उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी के गृह नगर अमृतसर में गरजेंगे एनएचएम कर्मी राज्य में जैसे-जैसे चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंजाब के मुलाजिमों का संघर्ष आक्रामक रूप लेता जा रहा है। इसी के तहत एनएचएम कर्मियों ने शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी के गृह नगर अमृतसर में एक विशाल रैली रोष मार्च करने का ऐलान किया है। वीरवार को भी मुलाजिमों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा।
एनआरएचएम इंप्लाइज एसोसिएशन पंजाब के राज्य प्रधान डा इंद्रजीत सिंह राणा ने कहा कि यह पहली ऐसी सरकार है, जिसे न तो अपने मुलाजिमों की कोई फिक्र है और न ही राज्य की जनता के स्वास्थ्य की। स्वास्थ्य विभाग के यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मुलाजिम एक लंबे समय से अपनी जायज मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं पर राज्य सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। मुलाजिम प्रधानों की जब भी राज्य सरकार के मंत्री या उच्च अधिकारियों से मीटिग होती है, तो सब के बयान अलग-अलग होते हैं।
राज्य कमेटी के मेंबर जसविदर कौर और गुरप्रीत सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ओपी सोनी के गृह नगर अमृतसर में कल की जाने वाली विशाल रैली सोई हुई सरकार को जगाने की एक कोशिश है। कल की इस रैली में किसी मुलाजिम का कोई नुकसान होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। राज्य कमेटी के अन्य मेंबरों अमरजीत सिंह, मनप्रीत सिंह, सुखजीत, रमनप्रीत कौर, जगदेव, अरुण दत्त, डा जितेंद्र आदि ने कहा कि अब मुलाजिम 'करो या मरो' की नीति अपनाते हुए तब तक संघर्षरत रहेंगे, जब तक राज्य सरकार उनकी सेवाएं रेगुलर नहीं कर देती या उन्हें हरियाणा सरकार की तर्ज पर बराबर तनख्वाह स्केल लागू नहीं कर देती।