ज्ञानरूपी रोशनी को जन-जन तक पहुंचाएं: सत्गुरु माता सुदीक्षा

74वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के समापन सत्र में वर्चुअल माध्यम द्वारा विश्वभर के श्रद्धालु भक्तों का आह्वान करते हुए व्यक्त किए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 08:27 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 08:27 PM (IST)
ज्ञानरूपी रोशनी को जन-जन तक पहुंचाएं: सत्गुरु माता सुदीक्षा
ज्ञानरूपी रोशनी को जन-जन तक पहुंचाएं: सत्गुरु माता सुदीक्षा

संस, मानसा: संत निरंकारी द्वारा करवाए जा रहे 74वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के समापन सत्र में वर्चुअल माध्यम द्वारा विश्वभर के श्रद्धालु भक्तों का आह्वान करते हुए व्यक्त किए। इस तीन दिवसीय समागम का सफलतापूर्वक समापन हुआ जिसका भरपूर आनंद मिशन की वेबसाइट एवं साधना टीवी चैनल के माध्यम से विश्वभर के श्रद्धालु भक्तों एवं प्रभुप्रेमी सज्जनों द्वारा लिया गया।

सत्गुरु माता सूदीक्षा महाराज ने कहा कि ब्रह्मज्ञान द्वारा भक्ति मार्ग पर चलते हुए ईश्वर पर ²ढ़ विश्वास रखकर जीवन आनंदित हो जाता है। जब हम परमात्मा को जीवन का आधार बना लेते हैं और पूर्णत: उसमें समर्पित होकर मन में जब सत्संग, सेवा, सुमिरण की लगन लग जाती है तो यह जीवन वास्तविक रूप में महक उठता है। हम इस निरंकार प्रभु के रंग में निरंतर रंगे रहे एवं अपना विश्वास इतना ²ढ़ बनाएं कि फिर किसी भी अवस्था में वह डोल न पाएं। इस वर्ष वर्चुअल रूप में निरंकारी प्रदर्शनी समागम के कुछ दिन पूर्व ही मिशन की वेबसाइट पर दर्शायी गई जिसमें मिशन के इतिहास एवं सत्गुरु की कल्याण यात्राओं तथा अन्य गतिविधियों को माडलों एवं चित्रों की सहायता से निरंकारी प्रदर्शनी एवं बाल प्रदर्शनी के रूप में दर्शाया गया।

वहीं एक बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धा भक्ति विश्वास रहे, मन में आनंद का वास रहे शीर्षक पर अनेक कवियों ने हिदी, पंजाबी, मुलतानी, हरियाणवी, उर्दू एवं अंग्रेजी भाषाओं में अपनी अपनी कविताएं पढ़ी। फ्री डिस्पेंसरी का प्रबंध किया गया, जिसमें कोविड केयर सेंटर, चार एमडी डा. अल्टरनेटीव थैरेपी डा. के अतिरिक्त ओपीडी, आईपीडी व तीन एंबुलेंस रखी गई थी।

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