दुकानें खोलने, मीटिग व प्रदर्शन करने के छह मामलों में 53 लोगों पर केस

थाना नहियांवाला की पुलिस ने गोनियाना मंडी की पंचायती धर्मशाला में दुकानें खोलने को लेकर व्यापारियों व दुकानदारों की ओर से करीब 80 लोगों का इकट्ठ कर मीटिग करने के मामले में केस दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 09:53 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 09:53 PM (IST)
दुकानें खोलने, मीटिग व प्रदर्शन करने के छह मामलों में 53 लोगों पर केस
दुकानें खोलने, मीटिग व प्रदर्शन करने के छह मामलों में 53 लोगों पर केस

जागरण संवाददाता, गोनियाना मंडी: थाना नहियांवाला की पुलिस ने गोनियाना मंडी की पंचायती धर्मशाला में दुकानें खोलने को लेकर व्यापारियों व दुकानदारों की ओर से करीब 80 लोगों का इकट्ठ कर मीटिग करने के मामले में केस दर्ज किया है। सहायक थानेदार सुखपाल सिंह ने बताया कि गोनियाना मंडी के रमेश कुमार, हरविदरपाल सिंह, भगत राम, रोबिन जय, नरेश कुमार, यशपाल सिगला, विक्की व मिटू पर केस दर्ज किया गया है। इसी प्रकार थाना संगत के सहायक थानेदार रणजीत सिंह ने बताया एक घर में इकट्ठ करने पर गांव फुल्लोमिट्ठी के मिट्ठू सिंह, मलकीत सिंह, अमरीक सिंह, जगदीप सिंह, गुरमीत सिंह, जगमीत सिंह, जसवीर सिंह, राजविदर सिंह व बलजिदर सिंह के अलावा 4 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है। दुकानें बंद कर ठेके खोलने का स्वर्णकार संघ ने किया विरोध पंजाब सरकार की तरफ से शराब के ठेके खोलने और स्वर्णकारों सहित अन्य कई वर्गों की दुकानों को बंद रखने के एलान को तुगलकी फरमान करार देते हुए स्वर्णकार संघ भुच्चो की तरफ से इसका विरोध किया गया। साथ ही रोष जाहिर करते हुए सुबह 10 बजे दुकानों के शटर खोल दिए गए। संघ का किसान जत्थेबंदियों ने भी समर्थन किया।

उधर, स्थानीय पुलिस चौकी के इंचार्ज जगरूप सिंह ने स्वर्णकार संघ के प्रधान परविदर सिंह जोड़ा और अन्य पदाधिकारियों से दुकानों बंद करने को कहा। इस पर जोड़ा ने कहा कि कोविड-19 के खतरे दौरान सरकार चाहे संपूर्ण लाकडाउन लगा दे, उनको कोई समस्या नहीं, परंतु गरीब रेहड़ी वालों सहित अन्य छोटे कारोबारियों के काम बंद करवाकर शराब के ठेके खुलवाना उचित नहीं। स्वर्णकार संघ ने एलान किया कि शाम को धरना दिया जाएगा। डीएसपी भुच्चो अशोक शर्मा के साथ स्वर्णकार नेताओं ने मीटिग की और डीसी बठिडा को मांगपत्र देने का सुझाव दिया। यह मामला विधायक प्रीतम सिंह कोटभाई के पास पहुंचने पर उन्होंने प्रधान जोड़ा से बात की और यह मामला प्रदेश सरकार तक पहुंचाकर हल करवाने का भरोसा दिया, जिसके बाद उन्होंने संघर्ष को स्थगित कर दिया।

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