अवार्ड लौटाकर एनएचएम कर्मियों ने किया प्रदर्शन
पंजाब सरकार की ओर से कोरोना काल में बढ़ रही सेवाएं निभाने वाले सेहत कर्मियों को अवार्ड दिए गए थे।
संवाद सूत्र, मानसा: पंजाब सरकार की ओर से कोरोना काल में बढ़ रही सेवाएं निभाने वाले सेहत कर्मियों को अवार्ड दिए गए थे। इन अवार्डो को वापस करके कर्मचारियों ने रोष प्रदर्शन किया।
सोमवार को जिले भर के एनएचएम मुलाजिम बिजली दफ्तर मानसा में एकत्र हुए व सेवा सिंह ठीकरीवाला चौक में आम जनता को पंजाब सरकार द्वारा किए ऐलान के बारे मेजागरूक किया। डिप्टी कमिश्नर मानसा के दफ्तर तक रोष मार्च किया और डीसी दफ्तर आगे धरना दिया। इस मौके स्टेट कमेटी सदस्य जगदेव सिंह मान ने कहा कि पंजाब में 13,500 के करीब कच्चे व एनएचएम मुलाजिम सड़कों पर हैं, जो करीब 14-15 सालों से काम करते आ रहे हैैं। इस समय अपनी मांगें मनवाने के लिए हड़ताल पर हैं।जिलाध्यक्ष रविदर कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार सड़कों पर बोर्ड लगाकर झूठा प्रचार कर रही है कि 36 हजार कर्मचारी पक्के किए हैं, जबकि पूरे पंजाब में एक भी एनएचएम का कच्चा मुलाजिम पक्का नहीं किया। वरिदर कुमार मेहत, डा. विश्वजीत खंडा, डा. अर्शदीप ने कहा कि जब तक एनएचएम मुलाजिमों को पक्का नहीं किया जाता संघर्ष जारी रहेगा। अगर सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी तो आने वाले दिनों में सरकार के प्रोग्राम नहीं होने दिए जाएंगे और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का घेराव भी किया जाएगा।
उधर, बठिडा में भी एनएचएम ज्वाइंट फ्रंट पंजाब के सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर संघर्ष शुरू कर रखा है। इसी कड़ी में अब कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के सात दिसंबर को रखे गए फाजिल्का दौरे का विरोध करने व समागम स्थल में पहुंचकर प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। इससे पहले समूह कर्मचारियों ने सिविल अस्पताल बठिडा में पहुंचकर पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की व बनाई रणनीति पर विचार करने के लिए बैठक रखी।