संतों के बताए मार्ग पर चलकर जीवन सफल बनाएं: सत्यप्रकाश

जैन सभा सरदूलगढ़ में आचार्य सम्राट शिव मुनि महाराज का जन्म दिवस तप त्याग के रूप में मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 09:54 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 09:54 PM (IST)
संतों के बताए मार्ग पर चलकर जीवन सफल बनाएं: सत्यप्रकाश
संतों के बताए मार्ग पर चलकर जीवन सफल बनाएं: सत्यप्रकाश

संसू सरदूलगढ़: जैन सभा सरदूलगढ़ में आचार्य सम्राट शिव मुनि महाराज का जन्म दिवस तप त्याग के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर प्रवचन करते हुए सत्यप्रकाश महाराज ने जैन धर्म के आचार्य श्री शिव मुनि महाराज के जीवन पर रोशनी डालने हुए कहा कि शिव मुनि का जन्म 80 साल पहले मंगल देश की पावन धरती रानियां में ओसवाल कुल में माता विद्या देवी व पिता चिरंजी लाल के घर में हुआ।

उन्होंने बताया कि वह शुरू से ही संत समागम के माध्यम से अंतर जगत में अवचेतन में धर्म संस्कारों को धारन कर रहे थे। शिक्षा हासिल करने के साथ वह 30 देशों में गए। एक मई 2000 में आचार्य पद हासिल किया। इस तरह के संतों का जन्म दिवस मनाना साथर्क होता है। हमें उनके दिखाए गए मार्ग पर चल कर अपना जीवन सफल बनान चाहिए।

इस अवसर पर तरसेम कुमार, संजीव कुमार द्वारा प्रसाद वितरित किया गया। वहीं जैन सभा के सचिव विनोद जैन ने सभी मेहमानों का स्वागत किया। इस अवसर पर सभा प्रधान अभय कुमार, रोशन लाल, रिशू कुमार, सुरिदर जैन, केवल जैन, दर्शन जैन, नरेश जैन, फरंगी लाल, सतीश जैन, निखिल जैन, हनी जैन, हार्दिक जैन, महिला मंडल के प्रधान सीमा जैन मौजूद थे।

त्याग साधु-संतों और दान श्रावक का धर्म : साध्वी सुनीता संसार में कोई भी व्यक्ति तब तक सुखी नहीं हो सकता जब तक उसको किसी भी चीज की आकुलता है और आकुलता तब तक नष्ट नहीं हो सकती जब तक उसके पास कुछ भी परिग्रह है। इसलिए परम सुखी होने के लिए त्याग की आवश्यकता होती है। हमें परिग्रह का त्याग करना चाहिए। यह धर्मसभा में त्याग धर्म पर प्रवचन देते हुए साध्वी डा. सुनीता महाराज ने व्यक्त किए।

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