गुलाबी सुंडी से प्रभावित किसानों को दिया जाए मुआवजा: मलूका
यदि सरकार ने नकली बीज और नकली स्प्रे के मामलों को गंभीरता से लिया होता तो नरमा बीजने वाले किसानों का नुकसान न होता।
संवाद सूत्र, भगता भाईका: पूर्व पंचायत मंत्री सिकंदर सिंह मलूका ने कहा कि यदि सरकार ने नकली बीज और नकली स्प्रे के मामलों को गंभीरता से लिया होता तो नरमा बीजने वाले किसानों का नुकसान न होता।
मलूका ने गुलाबी सुंडी से हुए नरमे के नुकसान के लिए सरकार से मुआवजे की मांग करते हुए कहा कि गुलाबी सुंडी ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। गुलाबी सुंडी का हमला सरकार और खेतीबाड़ी से संबंधित अफसरों की लापरवाही कारण हुआ है। साथ ही नकली बीजों के मामले को भी सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया। घोटाले में एक मंत्री की शिरकत कारण सरकार ने ठोस कारवाई नहीं की। फसलों के हुए नुकसान का मुआवजा तुरंत देने के निर्देश दिए जाएं। उनके साथ सतनाम सिंह, गगनदीप सिंह ग्रेवाल, डा. जसपाल सिंह, राकेश गोयल, हरदेव सिंह, सुखजिदर खानदार, जगमोहन लाल, सुलखन सिंह, अजैब सिंह, गोरा बजाज, अजैब सिंह, जगसीर पन्न, मनजीत सिंह, कर्मजीत सिंह कांगड़, रतन मलूका अदि हाजिर थे। गुलाबी सुंडी से फसल खराब, किसानों ने चलाया हल पिछले एक साल से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को इस बार नरमे की फसल पर हुए गुलाबी सुंडी के हमले ने आर्थिक तौर पर कमजोर कर दिया है। गांव रामसरा में नरमे की फसल पर हुए गुलाबी सुंडी के हमले कारण किसान अपनी फसल पर हल चलाने के लिए मजबूर हो गए। भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुरा के गांव रामासरा की इकाई के प्रधान बूटा सिंह खालसा की अगुआई में एकत्रित किसानों ने पंजाब सरकार और खेतीबाड़ी विभाग के खिलाफ नोरबाजी करते हुए कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को कमजोर करने के लिए नकली बीज और कीटनाशक दवाइयां बेची गई, जिस कारण पूरे पंजाब में नरमे की फसल नष्ट हो गई है। न तो सरकार ने और न ही खेतीबाड़ी विभाग ने नकली बीज और कीटनाशक दवाइयां बेचने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की। इस कारण किसान अपनी फसल पर हल चलाने को मजबूर हो गए।