गली में जमा गंदे पानी से बीमारियां फैलने का खतरा
स्थानीय सेंट जेवियर स्कूल के पीछे स्थित गली में जमा गंदे पानी के कारण बीमारियां फैलने के भय बना हुआ है।
संवाद सहयोगी, रामपुरा फूल: स्थानीय सेंट जेवियर स्कूल के पीछे स्थित गली में जमा गंदे पानी के कारण बीमारियां फैलने के भय बना हुआ है।
गली निवासी गगनदीप सिंह गोल्डी, मेजर सिंह, अर्जुन दास, रमेश कुमार, हरमंदर सिंह, पवन मेहता, बलविदर सिंह, रमनदीप सिंह, कुलविद्र सिंह, यादविद्र सिंह, गुरप्रीत सिंह, जीवन कुमार, बबलू, अमन गर्ग तथा विनय कुमार इत्यादि ने बताया कि गली में सीवरेज सिस्टम बुरी तरह फेल हो चुका है। इसके चलते गली में सदैव गंदा पानी जमा रहता है। इस गंदे पानी में मच्छर पैदा होने से डेंगू, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। गली में इंटरलाकिग टाइल लगाने का काम अधर में छोड़ने के कारण समस्या और भी गंभीर हो गई है। समस्या के समाधान के लिए कई बार प्रशासन तथा सत्तापक्ष के नेताओं के समक्ष गुहार लगाई लेकिन कोई हल नहीं हुआ। यदि जल्द ही समस्या का समाधान न किया गया तो वे संघर्ष के लिए मजबूर होंगे। गांधी चौक की सड़कें उखाड़कर लगाई जा रही इंटरलाक टाइलें हलका तलवंडी साबो से शिअद के पूर्व विधायक रहे जीत महिदर सिंह सिद्धू ने नगर कौंसिल अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर कांग्रेस पार्टी पर सरकारी खजाने को चूना लगाने के आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नगर कौंसिल रामा द्वारा बिना टेंडर निकाले विकास कार्यों के नाम पर बड़े पैमाने पर धांधली की जा रही है।
उन्होंने कहा कि जिन दलित बस्तियों में गलियां और सड़कें बनानी चाहिए वहां विकास कार्यों को न करवाकर कांग्रेस नेता की शह पर गांधी चौक के सौंदर्य के नाम पर सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा है। गांधी चौंक के चारो ओर सड़क को उखाड़ कर वहां पर इंटरलाक टाइलें लगाई जा रही हैं, जबकि इसका ठेका स्थानीय कांग्रेस नेता को दिया गया है। इंटरलाक टाइलें कांग्रेस नेता की फैक्ट्री से आ रही हैं। इसके अलावा नगर कौंसिल दफ्तर में बिना टेंडर निकाले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। नगर कौंसिल अध्यक्ष द्वारा विकास कार्यों के बारे में पार्षदों को बैठक में जानकारी नहीं दी जा रही, जबकि कुछ पार्षद जो इस मामले के खिलाफ बोलते हैं उन्हें धमकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अकाली-बसपा गठजोड़ की सरकार बनने पर नगर कौंसिल रामा की सीबीआइ जांच करवाई जाएगी, जिसके बाद दोषी अधिकारियों और पार्षदो को जेल भेजा जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि नगर कौंसिल रामा में विकास कार्यो के लिए जारी किए गए टेंडरों की जांच की जाए।