धान और नरमे की पैदावार कम होने से किसान निराश
इस साल गुलाबी सुंडी के कारण नरमे की फसल का झाड़ पिछले साल के मुकाबले कम रहा है।
संसू, सरदूलगढ़: इस साल गुलाबी सुंडी के कारण नरमे की फसल का झाड़ पिछले साल के मुकाबले कम रहा है, जिसके कारण नरमे की खेती करने वाले किसानों में निराशा है। वहीं इस साल धान का झाड़ में कम हुआ है, जिससे किसानों को आर्थिक तौर पर नुकसान उठाना पड़ा है।
गांव झंडा खुर्द के किसान जरमल सिंह ने कहा कि नरमे को गुलाबी सुंडी के कारण काफी नुकसान पहुंचा है। कुछ किसानों की फसल तो गुलाबी सुंडी के कारण बिल्कुल तबाह हो गई है, जिसके कारण किसानों को अपनी नरमे की फसल को नष्ट करना पड़ा। इस के अलावा नरमे की पैदावार भी पिछले साल के मुकाबले कम हुई, जिसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ा।
किसान बलजीतपाल सिंह ने कहा कि धान का झाड़ 10 से 15 मन प्रति एकड़ कम निकला है। बेमौसमी बरसात ने किसानों की धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है, जिसके चलते किसान निराश हैं। इस संबंध में आढ़तिया एसोसिएशन के पूर्व प्रधान राधे श्याम ने कहा कि इस साल नरमे का 25 प्रतिशत नुकसान है, जबकि धान पर 15 प्रतिशत तक असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल नरमे का दाम पांच हजार से साढ़े पांच हजार रुपये प्रति क्विटल था, जबकि इस बार आठ से साढ़े आठ हजार रुपये प्रति क्विटल तक नरमे का भाव लगा है, जिससे किसानों को कुछ राहत महसूस होगी। इसी तरह आढ़ती धरमिदर जैन ने कहा कि गांव खैरा कलां, खैरा खुर्द, झंडा खुर्द व मीरपुर खुर्द में नरमे की फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। कुछ किसानों द्वारा अपनी फसल को नष्ट तक कर दिया गया।