दिल्ली से लौटे गांव भूंदड़ के किसान की मौत

दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में ढाई माह लगाने के बाद गांव भूंदड़ लौटे किसान रणजीत सिंह की बीमारी के कारण मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:05 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:05 PM (IST)
दिल्ली से लौटे गांव भूंदड़ के किसान की मौत
दिल्ली से लौटे गांव भूंदड़ के किसान की मौत

संसू, सरदूलगढ़: कृषि कानूनों को रद करवाने के लिए दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में ढाई माह लगाने के बाद गांव भूंदड़ लौटे किसान रणजीत सिंह की बीमारी के कारण मौत हो गई। किसान नेता गुरतेज सिंह टिब्बी हरी सिंह ने बताया कि मृतक किसान पिछले ढाई माह से संघर्ष में मौजूद रहा। इस दौरान उसके पेट में इंफेक्शन हो गई और वह अपने गांव आ गया। इसके बाद परिवार द्वारा उसका उपचार करवाया गया। उपचार के दौरान किसान की मौत हो गई। किसान संघर्ष में मारे गए जिले के 33 किसानों की रिपोर्ट तैयार कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में चल रहे संघर्ष के दौरान मारे गए किसानों के पारिवारिक सदस्यों को अब पंजाब सरकार नौकरी देगी। इस संबंध में सरकार की ओर से सभी जिलों रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसके आधार पर बठिंडा जिले से 33 किसानों की रिपोर्ट पंजाब सरकार को भेजी गई है। अब इस पर आगे की कार्यवाही पूरी होने के बाद नौकरी दी जाएगी।

प्रशासन की ओर से जिन 33 किसानों की रिपोर्ट भेजी गई है, उसमें सबसे ज्यादा मरने वाले किसानों की गिनती मौड़ ब्लाक की है। यहां पर 13 किसानों की दिल्ली संघर्ष के दौरान मौत हुई है, जबकि बठिडा व तलवंडी साबो ब्लाक में 8-8 किसानों की मौत हुई है। रामपुरा में चार किसानों ने संघर्ष के दौरान दम तोड़ा। अब सरकार की ओर से आवेदकों को उनकी योग्यता के आधार पर दर्जा तीन व दर्जा चार की नौकरी दी जाएगी। नौकरी के लिए किसानों के परिवारों से उनके बेटे या बेटी के अलावा पत्नी, भतीजा, पौत्र व पौत्री ने अप्लाई किया है। हालांकि जिन किसानों की मौत हो चुकी है, उनमें से किसी भी किसान के आर्थिक हालात ठीक नहीं है। किसानों की ओर से कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में 26 नवंबर से संघर्ष किया जा रहा है।

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