पुष्पवर्षा से किया मां भगवती के झंडों की शोभायात्रा का स्वागत
मां भगवती शोभायात्रा मंडल रामपुरा फूल की तरफ से शनिवार दोपहर मां भगवती के झंडों की शोभायात्रा निकाली गई।
संवाद सहयोगी, रामपुरा फूल: मां भगवती शोभायात्रा मंडल रामपुरा फूल की तरफ से शनिवार दोपहर मां भगवती के झंडों की शोभायात्रा निकाली गई। भोला बाबा जी के आशीर्वाद तथा जस्सी बाबा की अगुआई में निकाली गई यह शोभायात्रा स्थानीय भोला बाबा के पीरखाना से शुरू होकर शहर के विभिन्न बाजारों से होते हुए वापस पीरखाना पहुंचकर संपन्न हुई। शोभायात्रा के दौरान मंडल में शामिल सभी भजन मंडलियों के सदस्यों द्वारा मां भगवती का गुणगान किया गया। वहीं लोगों द्वारा रास्ते में शोभायात्रा पर पुष्प वर्षा की गई तथा जगह-जगह लंगर लगाए गए। शोभायात्रा में बनाई गई मनमोहक झांकियां, बैंड-बाजा तथा फूलों की सजावट विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
मंडल के संरक्षक जस्सी बाबा ने बताया कि मंडल द्वारा प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में विभिन्न धार्मिक स्थानों पर मां भगवती को ध्वज अर्पित करने से पहले झंडों की शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें मंडल में शामिल सभी भजन मंडलियों के सदस्य अपने-अपने झंडे लेकर शामिल होते हैं। शोभायात्रा में शीतला भजन मंडली, शारदा भजन मंडल नीलकंठ मंदिर, अनजान भजन मंडल, श्री नव दुर्गा भजन मंडल, मां नयना देवी दरबार, श्री दुर्गा भजन मंडली, मां चितपूर्णी भजन भजन, मां नयना देवी जागरण मंडल तथा रौकी सितारा एंड पार्टी के सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में माता के भक्त शामिल हुए। जीवन में विकास के लिए संस्कारों का होना जरूरी: साध्वी शुभिता जैन सभा में सत्संग के दौरान साध्वी शुभिता महाराज ने कहा कि जीवन का प्रारंभ अच्छा है तो अंत भी अच्छा ही होगा।
उन्होंने का कि प्रारंभ में जो अच्छाई हमारे में है, जो धर्माराधना का बीज और संस्कार हमारे में है, उसमें निरंतर प्रवृत्त रहने से ही वह टिकता है। अंत में परिलक्षित होता है। साध्वी ने कहा कि शिक्षा का मूल्य संस्कार पर आधारित है। संस्कार के अभाव में शिक्षा ज्ञान का माध्यम हो सकता है, लौकिक जगत में कभी महत्ता के साथ स्वीकार्य हो सकता है, लेकिन जीवन में शिक्षा से अधिक संस्कार का मूल्य है। जिस प्रकार एक छोटे से बीज के भीतर विशाल वृक्ष की भवितव्यता छिपी होती है, उसी प्रकार एक बच्चे के भीतर एक महापुरुष होने की सभी संभावनाएं और प्रतिभाएं विद्यमान रहती हैं। अंत: करण में छिपे संस्कारों, प्रतिभाओं को सही दिशा, मार्गदर्शन से ही बाहर लाया जा सकता है। जीवन में विकास लाने के लिए संस्कारों का होना बहुत आवश्यक है।