किसानों के समर्थन में आढ़तियों की तीन दिवसीय हड़ताल शुरू

कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों व आढ़तियों में रोष बरकरार है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 09:44 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 09:44 PM (IST)
किसानों के समर्थन में आढ़तियों की तीन दिवसीय हड़ताल शुरू
किसानों के समर्थन में आढ़तियों की तीन दिवसीय हड़ताल शुरू

संस मानसा: कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों व आढ़तियों में रोष बरकरार है। जिसके तहत आढ़तियों ने तीन दिवसीय हड़ताल कर सोमवार को लक्ष्मी नारायण मंदिर मानसा में नारेबाजी की।

आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीश बब्बी दानेवालिया ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार काले कानून लागू करने पर अड़ी हुई है। महासचिव रमेश टोनी ने कहा कि मोदी सरकार ने रेलवे, एलआइसी, एयरपोर्ट का निजीकरण कर उन्हें कारपोरेट घरानों के हाथों बेच दिया। इससे साबित होता है कि केंद्र सरकार ने जनता का विकास नहीं किया। इस अवसर पर राकेश कुमार काकू, तरसेम कद्दू, सोनू अतला, चंद्र कांत कूकी, नरेश बिरला, बिदरपाल गर्ग, श्याम लाल, प्रवीन कुमार, मनी बंसल आदि मौजूद थे। उधर, कृषि कानूनों के विरोध में आढ़तिया एसोसिएशन ने किसानों के समर्थन में तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। हड़ताल के पहले दिन सभी ने अपनी दुकानें बंद रखीं। आढ़तिया एसोसिएशन के प्रधान विजय लहरी ने कहा कि जब से केंद्र सरकार सत्ता में आई है, तब से जन विरोधी फैसले ले रही है। अब सरकार तीनों कृषि कानूनों को लागू कर किसानों और व्यापारियों को बर्बाद करने पर तुली है। आढ़ती इस आंदोलन में किसानों के साथ हैं। इसीलिए यह तीन दिन हड़ताल रखी गई है। किसान संघर्ष को समर्पित कविताएं पेश कीं दमदमा साहित्य सभा की बैठक खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुई। प्रधानगी सभा के प्रधान ग•ालगो जनक राज जनक ने की। सरपरस्त सुखविदर सिंह भागीवांदर की नई किताब गीत गुलदस्ता के लोकार्पण पर भी विचार विमर्श किया गया। साथ ही आंदोलन में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि भेंट की गई। साहित्य सभा की ओर से एक सांझा काव्य संग्रह प्रकाशित करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। इस दौरान शायरों ने किसान संघर्ष को लेकर अपनी-अपनी रचनाएं भी पेश कीं। बैठक में अमरजीत जीत, जगदीप गिल, लक्ष्मण भागीवांदर, रणजीत सिंह बराड़, मनदीप सिंह, तरसेम बुट्टर, बलविदर बाघा मौजूद थे।

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