Drugs Problem in Punjab: तीन बहनों के इकलौते भाई की चिट्टे ने ले ली जान, स्वजनाें ने सेहरा बांध दी अंतिम विदाई
पंजाब में नशे के दो हजार से ज्यादा मामले पुलिस दर्ज कर चुकी है। ज्यादा लोगों को नशे के साथ गिरफ्तार भी किया गया। इसके बावजूद न नशे पर लगाम नहीं लग रही। प्रदेश में नशे के लिए संवेदनशील थानों की गिनती में जालंधर पहले नंबर पर है।
संवाद सूत्र, मलोट (श्री मुक्तसर साहिब)। पंजाब में नशे ने एक घर उजाड़ दिया। हलका मलोट के अजीत सिंह नगर के युवक की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई। युवक तीन बहनाें का इकलाैता भाई था। 27 वर्षीय जगसीर सिंह ट्रक ड्राइवर था। ड्राइवरी के दौरान ही उसे नशा करने की लत लग गई। धीरे-धीरे यह आदत दिनों-दिन बढ़ती ही गई, जिसके कारण उसने ड्राइवरी का कार्य भी बंद कर दिया। युवक की मां ने बताया कि एक वर्ष पहले उसके पति की मौत हो गई थी। इस दाैरान गांव का माहाैल गमगीन हाे गया। युवक काे स्वजनाें ने सेहरा बांधकर अंतिम विदाई दी।
हलका मलोट में एक माह में नशे से तीसरी मौत
हलका मलोट में नशा इतना ज्यादा हो गया है कि बीते एक माह में नशे से तीसरी मौत हुई है। इससे पहले गांव तपाखेड़ा में एक 14 वर्षीय आठवीं कक्षा में पढ़ते बच्चे की नशे से मौत हो गई। इसके अलावा गांव पन्नीवाला में भी एक नौजवान की नशे से मौत के बाद मंगलवार को मलोट के नौजवान की मौत हुई थी। गाैरतलब है कि पंजाब में नशे से माैत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
नशे के लिए संवेदनशील थानों की संख्या जालंधर में सबसे ज्यादा
पिछले दो साल की बात करें तो दो हजार से ज्यादा मामले पुलिस दर्ज कर चुकी है। दो हजार से ज्यादा लोगों को नशे के साथ गिरफ्तार भी किया गया, उसके बावजूद न नशे पर लगाम नहीं लग रही। प्रदेश में नशे के लिए संवेदनशील थानों की गिनती में जालंधर पहले नंबर पर है। पुलिस का दावा है कि शहर को क्राइम मुक्त बनाया जा रहा है लेकिन हकीकत इससे अलग है। नशे के मामलों में सरकार ने राज्य के 30 फीसद पुलिस थानों को संवेदनशील करार दिया है। राज्य के 422 पुलिस थानों में से 124 ऐसे हैं, जहां नशे की बिक्री के मामले सबसे अधिक आते हैं।