राइटिग प्रिटिग कागज की मांग सुस्त, क्राफ्ट पेपर की मजबूत

स्कूल कालेज खुलने के बावजूद राइटिग एवं प्रिटिग के कागज की बाजार में मांग सुस्त बनी हुई है

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Aug 2021 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 20 Aug 2021 06:00 AM (IST)
राइटिग प्रिटिग कागज की मांग सुस्त, क्राफ्ट पेपर की मजबूत
राइटिग प्रिटिग कागज की मांग सुस्त, क्राफ्ट पेपर की मजबूत

जागरण संवाददाता, लुधियाना

स्कूल कालेज खुलने के बावजूद राइटिग एवं प्रिटिग के कागज की बाजार में मांग सुस्त बनी हुई है, जबकि क्राफ्ट पेपर की मांग मजबूत है। क्राफ्ट पेपर का उपयोग पैकिग के तौर पर होता है। कोविड की दूसरी लहर के बाद उद्योग जगत में रौनक लौट आई है। जबकि स्कूल तीसरी लहर की आशंका के बीच खुले हैं।

कालेजों में अभी अगले सत्र के दाखिलों की प्रक्रिया चल रही है। सितंबर से कालेजों में कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। कारोबारी कहते हैं कि राइटिग एवं प्रिटिग के कागज की मांग अगले माह से बढ़ सकती है। कमजोर मांग के कारण सफेद कागज की कीमतें दबाव में हैं। जबकि इनपुट लागत काफी बढ़ गई है। ऐसे में इंडस्ट्री का मार्जेन खत्म हो रहा है। उद्यमी फिलहाल बाजार की चाल पर नजर बनाए हुए हैं।

रिस्क लेने को तैयार नहीं उद्यमी

उद्यमियों के अनुसार कोविड की पहली लहर के बाद जब उद्योग जगत पटरी पर आए और स्कूल कालेज खुल गए तो कागज की मांग में एकदम से इजाफा हुआ। लेकिन कोविड की दूसरी लहर ने कारोबार को फिर से पटरी से उतार दिया। अब दूसरी लहर के शांत होने के बाद फिर से उद्योग व्यापार जगत में रौनक लौट रही है और स्कूल कालेजों में भी क्लासेस धीरे धीरे शुरू हो रही हैं। लेकिन इस बार तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच बाजार के सेंटिमेंट काफी खराब हैं। बाजार किसी भी सूरत में रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में अभी सफेद कागज की मांग कुछ दिन तक कमजोर रहने की उम्मीद है।

दस फीसद है रह गया है प्रिंटिंग का कारोबार : कमल चोपड़ा

आफसेट प्रिटर्स एसोसिएशन के महासचिव कमल चोपड़ा के अनुसार वर्ष 2019 के मुकाबले आज प्रिट का कारेाबार सिर्फ दस फीसद ही है। पिछले साल कोविड के कारण अप्रैल से लेकर अगस्त 2020 तक यह जीरो फीसद था। कोविड के बाद सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक यह 25 फीसद तक पहुंच गया। लेकिन इस बार आई दूसरी लहर के चलते अप्रैल से जून 2021 तक यह महज दस फीसद ही रहा। उन्होंने कहा कि यदि हालात सही रहे तो प्रिट के कारोबार में इजाफा हो सकता है।

10-15 दिन से राइटिंग प्रिंटिंग कागज की मांग बढ़ी है

इंडियन एग्रो एंड रि साइकिल पेपर मिल्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल कुमार का कहना है कि बाजार में तीसरी लहर की आशंका के कारण सेंटिमेंट काफी खराब हैं। बावजूद इसके पिछले दस पंद्रह दिन से राइटिग प्रिटिग कागज की मांग निकल रही है। लेकिन यह काफी कम है। उन्होंने कहा कि अभी वेस्ट पेपर का कच्चे माल के तौर पर उपयोग करने वाली मिलें नहीं चल पा रही हैं। क्योंकि वेस्ट पेपर की काफी किल्लत है। समुंद्री माल भाड़े में तीन से चार गुणा तक इजाफा होने के कारण विदेशों से वेस्ट पेपर के आयात पर अब पड़ता नहीं बन रहा है।

30 फीसद बढ़े केमिकल्स के रेट

उनका कहना है कि केमिकल्स के रेट 25 से तीस फीसद तक बढ़ गए हैं। जबकि धान का छिलका तीन सौ रुपये प्रति क्विटल से उछल कर छह सौ रुपये प्रति क्विटल को भी पार कर गया है। ऐसे में कागज निर्माताओं की लागत निकलना मुश्किल हो रही है। उन्होंने कहा कि अभी बाजार में राइटिग प्रिटिग कागज के रेट 48 रुपये प्रति किलो हैं, जबकि यह कम से कम 55 रुपये प्रति किलो होने चाहिए। लेकिन कमजोर मांग के कारण कीमतें दबाव में हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हालात सुधरने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पैकिग में उपयोग होने वाले क्राफ्ट पेपर की मांग अच्छी है।

chat bot
आपका साथी