लुधियाना के जगराओं पहुंची महिला मानव अधिकार कमीशन की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी, जानें क्या है पूरा मामला

जगराओं में करीब 16 वर्ष पहले लड़की की मौत के मामले में पुलिस अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता की बहन को हिरासत में लेकर अत्याचार करने से दिव्यांग होकर चारपाई पर पड़ी हुई। मामले की जांच करने के लिए महिला मानवाधिकार कमीशन की चेयरपर्सन मनीषा जगराओं शिकायतकर्ता के घर पहुंची।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 02:42 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 02:42 PM (IST)
लुधियाना के जगराओं पहुंची महिला मानव अधिकार कमीशन की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी, जानें क्या है पूरा मामला
पीड़ित लड़की से और उसके परिवार के सदस्यों से जानकारी हासिल करते हुए मानव अधिकार कमीशन की चेयरमैन मनीषा गुलाटी।

जगराओं, जेएनएन। जगराओं में करीब 16 वर्ष पहले एक नाबालिग लड़की की संदिग्ध हालत में हुई मौत के बाद तत्कालीन पुलिस अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता इकबाल सिंह की बहन को पुलिस हिरासत में लेकर अत्याचार करने से दिव्यांग होकर चारपाई पर पड़ी हुई। लड़की के मामले की जांच करने के लिए बुधवार को महिला मानवाधिकार कमीशन की चेयर पर्सन मनीषा गुलाटी जगराओं शिकायतकर्ता के घर पहुंची। वहां पर उन्होंने पीड़ित लड़की और उसके परिवार के सदस्यों से बातचीत करके जानकारी हासिल की और परिवार को आश्वासन दिलाया कि इस मामले की जांच के बाद आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जांच के लिए सिट गठित करने का ऐलान

इस मौके चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी द्वारा मामले की गंभीरता और लड़की की हालत को देखते हुए 16 वर्ष पहले घटी इस घटना की जांच के लिए फिर से एक सिट बनाकर जांच करवाने का एलान किया। उन्होंने कहा कि सिट 15 दिन के अंदर अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। उस रिपोर्ट में जो भी आरोपी सामने आया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आरोपी चाहे भले ही कितनी भी बड़ी पोस्ट पर क्यों ना तैनात हो

यह है मामला

वर्ष 2005 में जगराओं रेलवे लाइन के नजदीक एक नाबालिक लड़की की संदिग्ध हालत में हुई मौत 1 वर्ष बाद पुलिस द्वारा मृतक लड़की की मां मनप्रीत कौर धालीवाल और इकबाल सिंह रसूलपुर को उस लड़की के कत्ल के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था ।शिकायतकर्ता इकबाल सिंह रसूलपुर के आरोप है कि उस समय तत्कालीन पुलिस अधिकारी द्वारा उसकी बहन को थाने में ले जाकर उस पर अत्याचार किया और उसे बेतहाशा करंट लगाए गए। जिस कारन उस समय से अब तक वह चारपाई पर पड़ी हुई है और लाचार जिंदगी व्यतीत कर रही है । इकबाल सिंह का कहना है कि उस नाबालिक लड़की की मौत के मामले में माननीय अदालत द्वारा उस को बरी कर दिया गया है । उसके बाद से अब तक उसने हजारों आरटीआई डालकर जानकारी एकत्रित की और उसकी बहन को दिव्यांग बनाने वाले और उन्हें झूठे मामले में फंसाने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनेकों शिकायतें दर्ज करवाएं लेकिन अब तक कई बार हुई जांच और विभिन्न कमिशनों द्वारा जांच करने के बाद उक्त पुलिस अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के कई बार आदेश जारी किए गए लेकिन उन आदेशों पर कहीं भी कोई कार्रवाई पुलिस द्वारा नहीं की गई और उसे इंसाफ के लिए भटकना पड़ रहा है।

पीड़ित लड़की द्वारा मुख्यमंत्री को भी लिखा था पत्र- शिकायतकर्ता के आरोप के अनुसार पुलिस के अत्याचार से दिव्यांग ही उसकी बहन दोबारा सिस्टम से हताश होकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की थी कि या तो उसे इंसाफ दिया जाए अन्यथा मौत।

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