लुधियाना में पति की मारपीट से घायल महिला शिकायत लेकर पहुंची थाने, एसएचओ ने कहा- अंदर बंद कर दूंगी

लुधियाना में दहेज के लिए पति की मारपीट से घायल महिला इंसाफ के लिए पुलिस के पास पहुंची। थाने में एसएचओ ने उसकी शिकायत सुनने की जगह उलटा उस पर ही केस दर्ज करने की धमकी दे डाली। परिवार सहित पीड़िता को वहां भगा दिया।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 10:03 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 10:03 AM (IST)
लुधियाना में पति की मारपीट से घायल महिला शिकायत लेकर पहुंची थाने, एसएचओ ने कहा- अंदर बंद कर दूंगी
लुधियाना में पति की मारपीट से घायल महिला ने पुलिस कमिश्नर से मांगा न्याय।

लुधियाना, जेएनएन। लुधियाना में दहेज के लिए पति की मारपीट से घायल महिला इंसाफ के लिए पुलिस के पास पहुंची। थाने में एसएचओ ने उसकी शिकायत सुनने की जगह उलटा उस पर ही केस दर्ज करने की धमकी दे डाली। परिवार सहित पीड़िता को वहां भगा दिया। अब पीड़िता के पिता ने पुलिस कमिश्नर से लिखित शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है। मेहरबान स्थित कैप्टन कालोनी में रहने वाले जसवीर सिंह का कहना है कि दस साल पहले उनकी बेटी गगनप्रीत कौर ने लव मैरिज की थी। उस समय उन्होंने बेटी और दामाद से नाता तोड़ दिया था। कुछ समय बाद ससुराल वाले बेटी को दहेज के लिए परेशान करने लगे। इसके समाधान के लिए कई बार पंचायत भी हो चुकी है। सात जून को उन्हें फोन आया कि उनकी बेटी की हालत बहुत खराब है। बेटी के शरीर पर मारपीट से निशान पड़ चुक थे। उसके बाल भी उखड़े हुए थे। उसे ईएसआइ अस्पताल लेकर गए जहां मेडिकल करवाया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि दामाद ने अस्पताल में तैनात एक मुलाजिम को पैसे देकर फर्जी मेडिकल बनवा लिया। आठ जून को जब वह लोग थाना मेहरबान पहुंचे तो थाना प्रभारी ने उनकी बात सुनने की जगह कहा कि आप लोग राजीनामा कर लो या तलाक ले लो। नहीं तो दोनों पर क्रास केस दर्ज कर हवालात में बंद कर देगी। थाना प्रभारी ने लेडी कांस्टेबल से बेटी को हवालात में बंद करने के लिए भी कहा। पति के अत्याचार व पुलिस के बर्ताव से आहत होकर बेटी वहीं गिर गई। उसके बाद से वह अब भी अस्पताल में भर्ती है। उन्होंने ने मांग की कि मामले की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से करवाई जाए। पुलिस कमिश्नर ने जांच एडीसीपी-4 रुपिंदर सरां को सौंपी है।

हवालात में बंद करने जैसी कोई बात नहीं हुई : एसएचओ

एसएचओ सिमरनजीत कौर का कहना है कि दोनों पक्षों के पास मेडिकल रिपोर्ट थी। ऐसे में दोनों पर कार्रवाई करना बनता है। पीड़िता को हवालात में बंद करने जैसी कोई बात नहीं हुई है।

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