लुधियाना के गांव अखाड़ा की पंचायत का फरमान, तय रेट पर धान नहीं लगाने वाले मजदूर का हाेगा बहिष्कार
जगराओं के गांव अखाड़ा की पंचायत ने एक फरमान जारी किया है। गांव की पंचायत के लेटर हेड पर 100 के करीब किसानों द्वारा हस्ताक्षर करके यह प्रस्ताव पास कर दिया कि गांव में मजदूरों को धान लगवाने की राशि प्रति एकड़ रुपए दी जाएगी।
जगराओं, (लुधियाना) जेएनएन। केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसान सभी का सहयोग मांग रहे हैं और गांवों से किसानों के साथ मजदूर भी दिल्ली धरने में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और किसानों का शुरू से साथ देते आ रहे हैं। पंजाब में अब धान की बिजाई का समय शुरू हो गया है तो किसान मजदूर एक दूसरे के आमने सामने खड़े होते हुए नजर आ रहे हैं। जिसकी मिसाल यहां से नजदीक गांव अखाड़ा में उस समय देखने को मिली जब गांव की पंचायत के लेटर हेड पर 100 के करीब किसानों द्वारा हस्ताक्षर करके यह प्रस्ताव पास कर दिया गया कि गांव में मजदूरों को धान लगवाने की राशि प्रति एकड़ 3300 रुपये दी जाएगी।
इससे अधिक ना कोई किसान मजदूरों को पैसे देगा और ना ही कोई मजदूर इससे अधिक अपनी मजदूरी ले सकेगा। पास किए गए प्रस्ताव में लिखा गया है कि गांव अखाड़ा में किसान, मौजूदा पंचायत, पुरानी पंचायत , किसान यूनियन, कोऑपरेटिव सोसायटी और गुरुद्वारा साहिब के महंत बाबा जरनैल सिंह तथा सभी गांव के किसानों की सहमति से एकत्रित हुए।
इसके साथ ही प्रस्ताव में यह भी लिखा गया है कि अगर कोई किसान तय किए गए रेट से ज्यादा मजदूरों को देता है तो उसे पचास हजार रुपये जुर्माना किया जाएगा और उसको पंचायत में बुलाकर बेइज्जत किया जाएगा और उसके खिलाफ बनती ही कार्रवाई की जाएगी। उस व्यक्ति का सोसाइटी, गुरुघर, अगवाड की बेल से बायकाट दिया जाएग और पंचायत उसका कोई भी कार्य नहीं करेगी। इसके अलावा यह फरमान भी जारी किया गया कि अगर कोई प्रवासी मजदूरों की पार्टी गांव से बाहर जाकर काम करती है तो उसको गांव में बैठने नहीं दिया जाएगा। जो पार्टी 3300 रुपये पर एक किसान को जवाब दे देती है वह और किसी किसान के भी धान नहीं लगा सकेगी और बाहर के गांवों से आई लेबर भी ₹3300 रुपये प्रति एकड़ से अधिक नहीं ले सकेगी।
मजदूरों ने पंचायत के फैसले के खिलाफ लगाया धरना
गांव अखाड़ा की पंचायत तथा अन्य संगठनों द्वारा सुनाए गए इस अनोखे फरमान का पता चलते ही गांव में हड़कंप मच गया। शनिवार को सुबह इस संबंध में गांव के अनुसूचित जाति समुदाय और मजदूरों की अहम बैठक हुई। जिसमें शुक्रवार को गांव की पंचायत, गुरुद्वारा साहब के महंत तथा अन्य संगठनों द्वारा जो प्रस्ताव पास किया गया उसकी निंदा की गई और कहा गया कि किसानों द्वारा पिछले वर्ष मजदूरों को 4500 रुपये प्रति एकड़ धान की लगवाई का मेहनताना दिया गया था लेकिन इस बार 800 रुपये कम करके प्रति एकड़ का ऐलान कर दिया गया। पंचायत के फैसले को सभी ने एकमत होकर नकारते हुए नहर पुल अखाड़ा रोड पर जाम लगा दिया। इस जाम की सूचना मिलने पर थाना सिटी जगराओं और पुलिस चौकी काउंटेस कलां से कर्मचारी पहुंचे।
उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बात की तो मौके पर उन्होंने कहा कि पंचायत, गुरुद्वारा साहिब के महंत तथा अन्य संगठनों द्वारा धान की लगवाई के संबंध में जो प्रस्ताव पास किया गया है वह गलत है। प्रस्ताव डालने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए क्योंकि पंचायती राज एक्ट के तहत वह ऐसा कोई भी प्रस्ताव पारित नहीं कर सकते। उन्होंने गांव के अनुसूचित जाति भाईचारे और मजदूरों को प्रताड़ित करने की कोशिश की है। मौके पर पुलिस अधिकारियों द्वारा दोनों पार्टियों को बातचीत के लिए पुलिस चौकी काऊंके कलां में पहुंचने के लिए कहा और प्रदर्शनकारियों को इंसाफ देने की बात कहकर उनका धरना समाप्त करवाया।