वर्चुअल एजुकेशन में हम पीछे, सभी को करना होगा काम: डॉ. भल्ला

आधुनिक युग में शिक्षा में तकनीक के इस्तेमाल के बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 06:58 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 06:58 PM (IST)
वर्चुअल एजुकेशन में हम पीछे, सभी को करना होगा काम: डॉ. भल्ला
वर्चुअल एजुकेशन में हम पीछे, सभी को करना होगा काम: डॉ. भल्ला

जागरण संवाददाता, लुधियाना: आधुनिक युग में शिक्षा में तकनीक के इस्तेमाल के बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता, इसलिए ऑॅफलाइन शिक्षा के साथ-साथ ब्लेंडेड एवं फ्लिपड सिस्टम ऑफ टीचिग की तरफ कदम बढ़ाने होंगे। वहीं आधुनिक भारत का निर्माण डिजिटल डिवाइड को समाप्त किए बिना नहीं हो सकता इसलिए भारत को टेक्नालॉजी के डेमोक्रेटिक इस्तेमाल के साथ-साथ तकनीक को घर-घर सस्ते एवं वाजिब दामों तक पहुंचाना होगा। इसके साथ ही शिक्षा के लिए वर्चुअल प्लेटफार्म को मुफ्त उपलब्ध करवाना होगा। यह विचार पंजाब कॉमर्स एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन(पीसीएमए) की इनोवेटिव विधियों पर आयोजित सात दिवसीय वर्चुअल टीचिग कार्यशाला की शुरूआत में विशेषज्ञों ने प्रकट किए। पीडीएम यूनिवर्सिटी बहादुरगढ़ के वाइस चांसलर डॉ. एकके बख्शी ने कहा कि इस मुश्किल समय में शिक्षा के नए आयाम खोजने होंगे। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी ने शिक्षा के स्वरूप को पूरी तरह बदल दिया है और ई लर्निंग ने उच्च शिक्षा के परिदृश्य को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी सभी विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में फीसद मैसिव ओपन ऑननाइन कोर्स (मूकस)को मान्यता दी है और भारत में उच्च शिक्षा में ग्रास एनरोलमेंट अनुपात केवल 26.3 फीसद है जिसे मूकस के जरिए शत-प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है। पीसीएमए के अध्यक्ष डॉ. अश्विनी भल्ला ने कहा कि भारत इस समय वर्चुअल एजुकेशन में काफी पीछे है तथा इस पर सभी संस्थाओं को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ज्ञान का विस्तार हो रहा है हमें वर्चुअल तकनीकों को शिक्षा का अनिवार्य हिस्सा बनाना ही होगा। सात दिनों में प्रतिभागियों को ऑनलाइन टीचिग, ऑनलाइन असेसमेंट व ऑनलाइन फीडबैक लेने के गुर सिखाए जाएंगे। इससे पहले अध्यक्षीय भाषण में पंजाब विश्वविद्यालय के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन डॉ. परविदर सिंह ने कहा कि जहां कोविड-19 में हम सेनिटाइजेशन की बात कर रहें है, वहीं पीसीएमए ने अपनी गतिविधियों से समाज में शैक्षिक मुद्दों पर सेंसिटाइ•ोशन लाने का प्रयास किया है।

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