आंबेडकर नगर, शिवाजी नगर और आदर्श नगर के पानी के सैंपल फेल
नगर निगम के आला अधिकारी शहर के लोगों को साफ पेयजल उपलब्ध करवाने के दावे करते हुए नहीं थकते लेकिन हकीकत कुछ और ही है। अब भी लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है। इसकी पोल सेहत विभाग की जांच ने खोलकर रख दी।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : नगर निगम के आला अधिकारी शहर के लोगों को साफ पेयजल उपलब्ध करवाने के दावे करते हुए नहीं थकते, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। अब भी लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है। इसकी पोल सेहत विभाग की जांच ने खोलकर रख दी।
बीते दिनों बाड़ेवाल रोड स्थित आदर्श कालोनी, ग्यासपुरा स्थित आंबेडकर नगर और शिवाजी नगर से हैजा के मरीज मिले थे। इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इसके बाद सेहत विभाग की टीम ने इन इलाकों में जाकर पानी के 15 सैंपल लिए थे। अब स्टेट पब्लिक हेल्थ लैबोरेटरी पंजाब (खरड़) से आई रिपोर्ट में पता लगा है कि इन तीनों इलाकों में पानी पीने लायक नहीं है। सेहत विभाग की इस जांच ने नगर निगम की पेयजल व्यवस्था पर सवाल खडे़ कर दिए है। पानी के सैंपल फेल पाए जाने के बाद सिविल सर्जन डा. किरण आहलुवालिया ने डीसी और निगम कमिश्नर को जानकारी दे दी गई है। साथ ही कहा कि तीनों इलाकों में सप्लाई किए जा रहे पानी की क्लोरीनेशन की जरूरत है ताकि लोगों को पानी से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके।
टिब्बा रोड में पड़ते मायापुरी में भी लोग दूषित पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। लोगों का कहना है कि इलाके में नलों से आ रहा पानी पीने लायक नहीं है। ये बेहद बदबूदार है। लोगों ने सेहत विभाग को शिकायत भी की, जिसके बाद रविवार को सेहत विभाग की टीम ने वहां से भी पानी के पांच सैंपल लिए हैं। इसकी रिपोर्ट पांच दिन बाद आएगी।
शिकायत मिलने पर ही होती है सैंपलिंग
बता दें कि पहले सेहत विभाग की ओर से नियमित तौर पर अलग-अलग इलाकों से पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाते थे। पिछले एक साल से सरकार के एक आदेश के बाद सेहत विभाग की ओर से नियमित तौर पर इलाकों से पानी के सैंपल जांच को नहीं लिए जा रहे हैं। जांच तभी की जाती है, जब शिकायत आए।