वाणी मानव जीवन का अनमोल उपहार है : डॉ. राजेंद्र मुनि

एस एस जैन स्थानक किचलू नगर में राजस्थान प्रवर्तक संत डा. राजेंद्र मुनि साहित्य दिवाकर सुरेंद्र मुनि विराजमान है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 12:16 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 06:09 AM (IST)
वाणी मानव जीवन का अनमोल उपहार है : डॉ. राजेंद्र मुनि
वाणी मानव जीवन का अनमोल उपहार है : डॉ. राजेंद्र मुनि

संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक किचलू नगर में राजस्थान प्रवर्तक संत डॉ. राजेंद्र मुनि, साहित्य दिवाकर सुरेंद्र मुनि विराजमान हैं। इस अवसर पर डांॅ. राजेंद्र मुनि ने कहा कि वाणी मानव जीवन का अनमोल उपहार है। वचनों में बहुत बड़ी शक्ति होती है। एक वचन तीर का काम करता है, तो दूसरा खीर का। वाणी में सदा सत्य बोलें। सत्य के साथ प्रिय और मीठे शब्द बोलें। अप्रिय सत्य का सेवन न करें। काने को काना, लंगडे़ को लंगड़ा और चोर को चोर न कहें। क्योंकि बात भले ही सत्य हो पर प्रिय नहीं है। अच्छे वचन बोलने वाले वैद्य और डॉक्टर अपने मधुर व्यवहार से मरीजों की आधी बीमारी तो वैसे ही ठीक कर देते हैं।

सुरेंद्र मुनि ने कहा कि कभी-कभी गुस्से को पीना सीखिए। क्रोध को पीना हमने आज तक नहीं सीखा। क्रोध है क्या चीज? किसे कहते हैं क्रोध?, ये क्यूं आता है? क्रोध में हम न तो दूसरों को देख सकते हैं ना ही दूसरों को सह सकते हैं। जो मैं कह रहा हूं, वहीं सही हैं। जो मैं चाहता हूं, वही सही है। यही क्रोध है। जब-जब हमारा स्वार्थ व लोभ पूर्ण नहीं होता, हमारे अहम को ठेस लगती है, तब-तब हमें क्रोध आता है।

बड़ों का सम्मान व छोटों का ध्यान रखना आवश्यक

लुधियाना : उप-प्रवर्तिनी महासाध्वी गुरुणी महासाध्वी मीना म., परम सेवाभावी कर्मठ महासाध्वी श्री मुक्त महाराज, प्रवचन प्रभाविका मधुर गायिका महासाध्वी श्री समृद्धि महाराज, नवदीक्षित साध्वी उत्कर्ष म. रिद्धि ठाणा-4 एसएस जैन स्थानक अग्र नगर में विराजमान हैं।

रविवार की प्रार्थना सभा में महासाध्वी मीना ने कहा कि मानव को चाहिए कि मुझे श्रावक जीवन मिला है। उसे आज्ञा से नहीं बिताना है, बल्कि इसे मोक्ष मार्ग पर ले जाना है।

उन्होंने आगे कहा कि दुनियां में कौन नहीं रोता। जो ज्ञानवान होता है, जिसके अंदर ज्ञान प्रकट हो जाता है उसे कभी रोना नहीं पड़ेगा। जो सोच विचार कर काम करता है उसे कभी रोना नही पडे़गा। जो बड़ों का सम्मान करता व छोटों का ध्यान रखता है, उसे भी कभी रोना नहीं पड़ता। इस अवसर पर सभाध्यक्ष बलविदर जैन, नरेश जैन शारू ने कहा कि चातुर्मास पर धर्म सभाओं की जगह प्रार्थना सभा व मंगलमय पाठ किया जा रहा है। अभी फिलहाल कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए धर्म सभाएं संभव नहीं।

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