फसल बर्बाद होने के डर से ग्रामीणों ने बेसहारा पशुओं को बनाया बंधक, गो सेवकों ने छुड़ाया

शहरों-गांवों में घूमते बेसहारा पशु लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 04:00 AM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 04:00 AM (IST)
फसल बर्बाद होने के डर से ग्रामीणों ने बेसहारा पशुओं को बनाया बंधक, गो सेवकों ने छुड़ाया
फसल बर्बाद होने के डर से ग्रामीणों ने बेसहारा पशुओं को बनाया बंधक, गो सेवकों ने छुड़ाया

जासं, खन्ना : शहरों-गांवों में घूमते बेसहारा पशु लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। हर जगह इन बेसहारा पशुओं की तादाद बढ़ती जा रही है। ये पशु जहां सड़क हादसों का कारण बन रहे हैं, वहीं गांवों में वे किसानों की फसल को बर्बाद कर रहे हैं। इसी वजह से अब यहां के गांव कलालमाजरा के किसानों ने करीब एक दर्जन बेसहारा पशुओं को खदेड़ने की बजाय उन्हें गांव में ही खाली जगह पर बांध लिया गया। इसका पता चलने पर बंधक बनाए इन पशुओं को गो रक्षा वेलफेयर सोसायटी ने छुड़ाया।

सोसायटी के दर्शन राणा ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया के जरिए यह सूचना मिली कि गांव कलालमाजरा में लोगों ने बेसहारा गोवंश को जबरन पेड़ों के साथ बांध रखा है। करीब एक सप्ताह से बांधे इन गोवंश को पूरी तरह से चारा और पानी भी नहीं मिल रहा। इसी कारण वे तुरंत अपनी टीम के साथ उस गांव में पहुंचे।

राणा ने बताया कि जब वे गोवंश को छुड़ाने लगे तो कुछ गांव वालों से उनकी तकरार भी हुई, लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे। आखिर में उन्होंने तीन गोवंश को खोलकर टैंपों में लादा और उसे दोराहा गोशाला में छोड़ दिया। करीब एक दर्जन गोवंश को साथ ले जाना संभव नहीं था। लिहाजा उनकी रस्सी को काटकर आजाद कर दिया गया। किसी गोशाला ने नहीं दी मंजूरी

दर्शन राणा ने कहा कि उन्होंने खन्ना और आसपास के इलाकों की कई गोशालाओं को फोन पर गोवंश को अपने साथ ले जाने की गुजारिश की, लेकिन किसी ने भी इसकी मंजूरी नहीं दी। केवल दोराहा गोशाला ने 3-4 गोवंश रखने को सहमति दी तो वे टेंपों से 3 गोवंश को वहां छोड़ आए।

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