पानी समझ अंधेरे में पी लिया तेजाब, अस्पताल में मौत

भामियां कलां में एक व्यक्ति ने गलती से तेजाब पी लिया। इससे उसकी हालत खराब हो गई। इलाज के लिए उसे सीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। सूचना मिलने पर पहुंची थाना जमालपुर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 06:33 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 06:33 AM (IST)
पानी समझ अंधेरे में पी लिया तेजाब, अस्पताल में मौत
पानी समझ अंधेरे में पी लिया तेजाब, अस्पताल में मौत

जागरण संवाददाता, लुधियाना : भामियां कलां में एक व्यक्ति ने गलती से तेजाब पी लिया। इससे उसकी हालत खराब हो गई। इलाज के लिए उसे सीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। सूचना मिलने पर पहुंची थाना जमालपुर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया। मृतक की पहचान भामियां कलां के हुंदल चौक स्थित सीएमसी कालोनी निवासी गुरदेव सिंह (40) के रूप में हुई। पुलिस ने उसकी पत्नी बलविदर कौर के बयान पर 174 के तहत कार्रवाई की।

एएसआइ धनवंत सिंह के मुताबिक मृतक की पत्नी बलविंदर कौर ने बताया कि वो लोग मूल रूप से होशियारपुर के गांव हरियाना भूंगा के रहने वाले हैं। वो अपने बेटा-बेटी के साथ गांव में रहती है, जबकि गुरदेव सिंह लुधियाना की एक फैक्ट्री में ड्राइवरी करता है। सीएमसी कालोनी में उनका अपना मकान है, जिसका रखरखाव न होने के कारण उसकी हालत बेहद खराब है। मकान की लाइट भी बंद पड़ी है। अस्पताल में उपचार के दौरान गुरदेव सिंह ने उसे बताया कि 17 सितंबर की रात खाना खाने के बाद वो सो गया। रात करीब ढाई बजे उसे प्यास लगी। अंधेरा होने के कारण उसने गलती से तेजाब की बोतल उठाई और मुंह को लगा ली। हालांकि थोड़ा से तेजाब अंदर जाते ही उसे गलती का अहसास हुआ और उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। उसने हुसैनपुरा निवासी अपने रिश्तेदार राम जी लाल को फोन करना चाहा, मगर फोन में बैलेंस ही नहीं था। इसके बाद उसने राम जी लाल को मैसेज कर दिया। राम जी लाल ने सुबह पांच बजे वो मैसेज देखा तो टिब्बा रोड इलाके में रहने वाले गुरदेव सिंह के बहनोई मनजीत सिंह को फोन करके घटना की जानकारी दी। इसके बाद मनजीत सिंह जब गुरदेव सिंह के घर पहुंचा तब वो कमरे में उल्टियां कर रहा था। उसे फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया, मगर वहां उसकी मौत हो गई। डाक्टरों के मुताबिक इलाज में देरी होने के कारण उसकी मौत हुई। अगर उसे समय पर अस्पताल ले जाया जाता, तो शायद वो बच जाता।

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