भगवान महावीर सेवा संस्थान ने दिव्यांगों को बांटी ट्राई साइकिल

भगवान महावीर सेवा संस्थान की ओर से स्वर्गीय श्री रवि नंदन जैन की प्रथम पुण्यतिथि पर दिव्यांगों के लिए सहायता कैंप लगाया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 03:10 AM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 03:10 AM (IST)
भगवान महावीर सेवा संस्थान ने दिव्यांगों को बांटी ट्राई साइकिल
भगवान महावीर सेवा संस्थान ने दिव्यांगों को बांटी ट्राई साइकिल

संस, लुधियाना : भगवान महावीर सेवा संस्थान की ओर से स्वर्गीय श्री रवि नंदन जैन की प्रथम पुण्यतिथि पर दिव्यांगों के लिए सहायता कैंप लगाया।

दिव्यांग केंद्र ऋषि नगर में सर्वप्रथम सामूहिक महामंत्र नवकार के उच्चारण से शुरू किया गया। परिवार के सहयोग से आठ दिव्यांगों को ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, कृत्रिम अंग वितरित किए गए।

इस मौक पर संस्थान के अध्यक्ष राकेश जैन ने बताया रवि नंदन जी एक धार्मिक, दानवीर एवं एक पुण्य आत्मा थी। उन्होंने समाज सेवा व धार्मिक क्षेत्र व सामाजिक कार्यों में हमेशा अग्रसर रहते हुए समाज कल्याण के कार्य में अपना योगदान दिया। आज उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उनके पुत्र एडवोकेट कौशल जैन व पुत्री रुपल जैन परिवार ने दिव्यांगों के लिए मदद के हाथ बढाए।

कौशल व रूपल जैन ने कहा हम पिताजी के द्वारा जो मानव सेवा के कार्यों में सहयोग रहता था, वह संस्थान के साथ बना रहेगा। इस मौके पर भगवान महावीर सेवा संस्थान के अध्यक्ष राकेश जैन, उपाध्यक्ष राजीव जैन, जैन क्रिएटिव लाइन की डायरेक्टर रमा, जैन भारत विकास परिषद चैरिटेबल ट्रस्ट से आर एस वालिया, जसविदर सिंह, रिपल, हर्ष जैन (चेन्नई), श्वेता और मयंक जैन (गुरुग्राम), महिन जैन, रविदत जैन, निराण जैन, पुरविश जैन, श्रवि जैन, फयिा जैन आदि उपस्थित रहे। एसएस जैन स्थानक में विराजमान हुए गुरुदेव अरुण मुनि संस, लुधियाना : अरूण मुनि महाराज बुधवार को गुरुदेव सिविल लाइन से विहार कर न्यू किचलू नगर हैबोवाल विराजमान हो गए हैं।

गुरुदेव अरुण मुनि ने कहा की भगवान महावीर के समय में ज्ञान और स्वयं को जानने, परखने और बदलने की कला प्रदान की गई। आध्यात्मिक जगत में पुरुषार्थ के स्थान पर देवी-देवताओं के आह्मन को प्रश्रय दिया जाता था और स्वयं को पुरुषार्थ नगण्य हो गया था। व्यक्ति पूजा जोरों पर थी। वाम मार्गियों का समाज पर प्रभाव था। आंतरिक पवित्रता का स्थान पाखंड ने ले लिया था। तर्क शास्त्री केवल शुष्क तर्क द्वारा अपनी व कथित मान्यताओं से लोगों में भ्रम फैला रहे थे। ऐसे समय में भगवान महावीर ने पुरुषार्थवाद की अवधारणा जन-मानस के समक्ष रखी। उन्होंने कहा हे जीव, उठो पुरुषार्थ करो, तुम स्वयं अपने निर्माता हो। इस अवसर पर एसएस जैन सभा हैबोवाल में चेयरमैन सतीश जैन, प्रधान विनोद जैन, महामन्त्री राजेन्द्र जैन, कोषाध्यक्ष संजीव जैन आदि मौजूद थे।

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