बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए साहित्यिक समागमों में बढ़ाएं उनकी हिस्सेदारीः प्रो. गुरभजन सिंह

प्रो. गुरभजन ने कहा कि साहित्यिक समागमों में बच्चों की हिस्सेदारी उन्हें उत्साहित तो करती ही है साथ ही भाईचारे की अगुवाई करने वाली जगरूक सोच भी एक छोटी कोशिश से पैदा हो जाती है।

By Vikas KumarEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 02:57 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 03:28 PM (IST)
बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए साहित्यिक समागमों में बढ़ाएं उनकी हिस्सेदारीः प्रो. गुरभजन सिंह
बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए साहित्यिक समागमों में बढ़ाएं उनकी हिस्सेदारीः प्रो. गुरभजन सिंह

लुधियाना [मंदीप सिंह खुरमी]। विदेशों में जन्में पंजाबी मूल के बच्चे हमारा भविष्य हैं, ये हम पर निर्भर करता है कि हम अपना भविष्य कैसा देखना पसंद करते हैं। साहित्यिक और भाईचारे के अन्य समागमों में बच्चों की हिस्सेदारी उन्हें उत्साहित तो करती ही है, साथ ही भाईचारे की अगुवाई करने वाली जगरूक सोच भी एक छोटी सी कोशिश से पैदा हो जाती हैं। जरूरी बन जाता है कि बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए भाईचारे की ओर से सामूहिक कोशिशें एक साथ किए जाएं। ये शब्द लुधियाना से आए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के रिटायर्ड अध्यापक और पंजाबी लोक विरासत अकेडमी इंटरनेशनल के चेयरमेन प्रो. गुरभजन सिंह गिल ने स्कॉटलेंड की साहित्य संस्था पंजाब ग्लास्गो की ओर से करवाए गए वार्षिक कवि दरबार के दौरान व्यक्त किए।

स्कॉटलैंड में भी की जाए पंजाब भवन की स्थापना

विशेष मेहमान, कवि और प्रवक्ता के तौर पर कार्यक्रम में पहुंचे प्रो. गुरभजन ने साहित्यिक सभाओं को अपने किए जा रहे ऐतिहासिक कार्यों को लिखित रूप में दस्तावेज के तौर पर संभालकर रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे आने वाली पीढ़ियों के पास हमारे किए अच्छे कामों की मुक्कमल जानकारी उपलब्ध रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के बारे में चिंतित रहने वाले धड़ों से अपील करते हुए कहा कि वह 'सुखी बाठ' की ओर से सरी, कनाडा के पंजाब भवन की तर्ज पर स्कॉटलैंड में पंजाब भवन की स्थापना कर अपने बच्चों और नौजवानों और बुजुर्गों समेत पूरे भाईचारे के लिए ऐसा स्थान मुहैया करवाएं। ताकि वे बंदिशों के मुक्त होकर अपने दिल की बातों को साझा कर सकें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगर इस अनोखे कार्य के लिए अगर भाईचारे की बड़ी हस्तियां एक कदम भी आगे बढ़ाती हैं तो वह पंजाब बैठे ही अपना पल-पल उन्हें अर्पण करने के लिए वचनवद्ध रहेंगे।

समागम के दौरान शायर अमनदीप सिंह अमन की गजल पुस्तक 'कुदरत' का गुरभजन गिल, दिलावर सिंह और दिलजीत सिंह दिलबर ने लोकार्पण किया। कवि दरबार में इग्लैंड में पैदा हुए बच्चे मनवीर कौर, हिम्मत खुरमी, कीरत खुरमी के साथ-साथ उर्दू और पंजाबी शायर सलीम रजा, इश्तियाक अहमद, अमनदीप सिंह अमन, जतिंद्र संधू, फराह, इम्तियाज गौहर, हरजीत दोसांझ, मनदीप खुरमी हिम्मतपुरा, सुखी दोसांझ आदि ने अपनी रचनाओं से समां बांध दिया।

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