शराब की तस्करी के लिए लूटी थी स्विफ्ट कार, पुलिस ने तीन बदमाश किए गिरफ्तार

दो महीने पहले मोती नगर इलाके से लूटी गई स्विफ्ट डिजायर कार पुलिस की सीआइए-2 टीम ने बरामद कर ली है।

By Sat PaulEdited By: Publish:Sat, 23 Feb 2019 01:32 PM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 01:32 PM (IST)
शराब की तस्करी के लिए लूटी थी स्विफ्ट कार, पुलिस ने तीन बदमाश किए गिरफ्तार
शराब की तस्करी के लिए लूटी थी स्विफ्ट कार, पुलिस ने तीन बदमाश किए गिरफ्तार

जेएनएन, लुधियाना। दो महीने पहले मोती नगर इलाके से लूटी गई स्विफ्ट डिजायर कार पुलिस की सीआइए-2 टीम ने बरामद कर ली है। लूट की वारदात करने वाले तीनों बदमाशों को भी पुलिस ने काबू कर लिया। दरअसल, तीनों को शराब तस्करी के लिए कार की जरूरत थी। उसी जरूरत को पूरा करने के लिए तीनों ने उक्त वारदात को अंजाम दिया। लूट की कार पर वो फर्जी नंबर प्लेट लगाकर शराब तस्करी कर रहे थे।

डीसीपी गगनअजीत सिंह ने बताया कि आरोपितों की पहचान जमालपुर के सेक्टर 38 निवासी लखविंदर सिंह (19), मुंडियां कलां के जीके एस्टेट निवासी रविंदर सिंह उर्फ रवि (22) और नवांशहर के गांव रत्तेवाल निवासी संदीप कुमार उर्फ प्रिंस (21) के रूप में हुई। थाना मोती नगर पुलिस ने 19 दिसंबर को हैबोवाल के पवित्र नगर निवासी संजीव कुमार की शिकायत पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज किया था। उसने बताया कि वो चंडीगढ़ रोड जमालपुर स्थित बिग कार बाजार में काम करता है। तीन लोग कार खरीदने के लिए आए। ट्रायल के बहाने आरोपित उसके साथ मारपीट करके कार नंबर पीबी 11 बीएच-0530 लूट कर फरार हो गए।

सीआइए इंचार्ज राजेश शर्मा को सूचना मिली के उक्त कार का शराब तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। सूचना के आधार पर राजेश शर्मा ने अपनी टीम के साथ बस्ती जोधेवाल चौक पर नाकाबंदी कर ली। उसी दौरान जालंधर बाइपास की ओर से आ रही सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार नंबर पीबी 10 ईजे-9189 को जांच के लिए रोक कर चेचिस और इंजन नंबर चेक किया गया तो वो चोरी की वो ही कार निकली। दोनों को शनिवार अदालत में पेश करके रिमांड हासिल किया जाएगा।

लखविंदर सिंह है गैंग का लीडर

पूछताछ में पता चला कि आरोपित लखविंदर उनका गैंग लीडर है। वो बिजली का काम करता था। रविंदर पहले पीवीसी फ‍िटिंग का काम करता था। डेढ़ साल पहले उसने लखविंदर के घर में पीवीसी फ‍िटिंग का काम भी कराया था। संदीप अपने गांव में खेती का काम करता था। कुछ समय पहले वो भी लुधियाना किराए पर रहने लगा। जहां तीनों की आपस में दोस्ती हो गई। जल्दी अमीर बनने के चक्कर में वो शराब तस्करी का काम करने लगे, मगर 2-4 पेटी शराब बेच कर उनके खर्च पूरे नहीं हो रहे थे, जिसके चलते तीनों ने साजिश के तहत उक्त कार लूट की वारदात को अंजाम दिया।

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