अनूठी रही पटियाला की यह शादी, दुल्हन के पिता ने रक्तदान कर किया बरात का स्वागत, 20 बरातियों ने भी दिया साथ

पटियाला के करमजीत सिंह की बेटी की शादी अनूठी रही। करमजीत ने 77वीं बार रक्तदान कर बरात का स्वागत किया। इस दौरान 20 बरातियों ने भी रक्तदान किया। करमजीत ने कहा खून की कमी से न जाए जान इसलिए बेटी की शादी में रक्तदान करवाया।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 11:32 AM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 12:15 PM (IST)
अनूठी रही पटियाला की यह शादी, दुल्हन के पिता ने रक्तदान कर किया बरात का स्वागत, 20 बरातियों ने भी दिया साथ
पटियाला में शादी में लगा रक्तदान शिविर। जागरण

जागरण संवाददाता, पटियाला। हर पिता के लिए बेटी की शादी में बरात के स्वागत और सेवा से ज्यादा कुछ भी खास नहीं होता, लेकिन पटियाला के करमजीत सिंह ने अपनी बेटी की शादी में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान कैंप लगाकर अनूठी पहल की है। इस दौरान करमजीत सिंह ने खुद 77वीं बार रक्तदान करके बरात का स्वागत किया। वहीं बरात के आगमन पर बरातियों से भी रक्तदान करने का आग्रह किया गया तो करीब 20 बरातियों ने भी रक्तदान किया। करमजीत सिंह ने पैलेस की एंट्री के साथ ही रक्तदान कैंप लगवाया, ताकि शादी के आयोजन में शामिल होने वाला हर व्यक्ति इसे नोटिस करके कैंप में रक्तदान करें।

करमजीत सिंह ने सोमवार को भादसों रोड स्थित यूके पैलेस में अपनी बेटी गुरप्रीत कौर के विवाह समारोह के दौरान थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान कैंप लगाया। कैंप के दौरान मेडिकल कालेज की टीम विशेष तौर पर मौजूद रही और रक्तदान में लोगों की सहायता की। पेशे से ठेकेदार करमजीत सिंह ने बताया कि थैलेसीमिया अस्पतालों में रक्त की काफी कमी है, जिस कारण उन्होंने अपनी बेटी की शादी से एक नई पहल की शुरुआत करने की सोची।

इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद भी जताई कि उनकी इस पहल से प्रेरित होकर और लोग भी इस दिशा में अपने कदम बढ़ाएंगे। इससे अस्पतालों में रक्त की कमी को दूर किया जा सकेगा। बता दें कि बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का काम करने वाले करमजीत सिंह की बेटी गुरप्रीत कौर इंजीनियर हैं। दामाद नवदीप सिंह कनाडा में अपना कारोबार करते हैं। वह भी मूल रूप से पटियाला शहर के रहने वाले हैं।

लोगों ने करमजीत की पहल को सराहा

इस अनूठी पहल की चर्चा जहां शादी में पहुंचने वाले हर व्यक्ति ने की, वहीं रक्त की कमी से जूझ रहे अस्पतालों की स्थिति को समझते हुए भविष्य में इसके लिए सहयोग करने का विश्वास भी दिलाया। इन्होंने कहा कि सभी को ऐसे आयोजन करने चाहिए ताकि थैलेसीमिया मरीजों की जान बचाई जा सके।

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