World Blood Donor Day: ये हैं जिंदगी बचाने वाले पंजाब के मसीहा, रक्तदान का लगा चुके शतक

World Blood Donor Day आज विश्व रक्तदान दिवस है। रक्तदान को महादान कहा जाता है। पंजाब के लुधियाना में कई रक्तदाता ऐसे हैं जो इसका शतक लगा चुके हैं। यह न खुद रक्तदान करते हैं बल्कि दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 10:38 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 01:01 PM (IST)
World Blood Donor Day: ये हैं जिंदगी बचाने वाले पंजाब के मसीहा, रक्तदान का लगा चुके शतक
कुलवंत सिंह व कमलप्रीत सिंह रक्तदान करते हुए। जागरण

लुधियाना [आशा मेहता]। World Blood Donor Day: कहा जाता है कि रक्तदान जीवनदान है। खून की कमी से जूझ रहे मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए रक्तदान से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। शहर में भी ऐसे कई मसीहा हैं, जो सालों से रक्तदान करके जरूरतमंद मरीजों को जिंदगी दे रहे हैं। इनमें से कई ऐसे भी हैं, जो 100 से भी अधिक बार ब्लड व प्लेटलेट्स डोनेट किए हैं। विश्व रक्तदाता दिवस पर दैनिक जागरण ऐसे रक्तदाताओं के जज्बे को सलाम करते हुए उन्हें आपसे रू-ब-रू करवा रहा हैं।

101 बार ब्लड व प्लेटलेट्स डोनेट कर चुके अजय जैन

वाहेगुरु ब्लड सेवा के प्रेसिडेंट अमन नगर निवासी अजय जैन 101 बार ब्लड व प्लेटलेट्स डोनेट कर चुके हैं। पहली बार 21 साल की उम्र में पहली बार रक्तदान किया था। बेटे पुनीत जैन ने भी 18 साल की उम्र में पहली बार ब्लड डोनेट किया। अब वह 21 साल की उम्र में 17 बार ब्लड व प्लेटलेट्स डोनेट कर चुका है। अजय कहते हैं कि जब-जब उन्होंने रक्तदान किया है, उन्हें बेहद खुशी मिलती है। इसकी कोई बराबरी नहीं है।


अजय जैन व निर्मल सिंह रक्तदान करते हुए। जागरण

निर्मल ने पहली बार उम्र छिपाकर किया था रक्तदान

जालंधर बाइपास निवासी व मार्केटिंग जाब कर रहे 45 साल के निर्मल सिंह कहते हैं कि वे 102 बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं, जबकि 27 बार प्लेटलेट्स डोनेट किए हैं। पहली बार 17 साल की उम्र में ब्लड डोनेट किया था। तब अपनी उम्र को अधिक बताकर ब्लड डोनेट किया, क्योंकि 18 साल से कम उम्र वालों को ब्लड डोनेट करने की स्वीकृति नहीं हैं। उस वक्त किसी दोस्त के परिचित को ब्लड रक्त की सख्त जरूरत थी। कोई मिल नहीं रहा था तो ब्लड डोनेट किया। तब से लगातार ब्लड डोनेट कर रहा हूं। जब भी ब्लड के लिए किसी की काल आती है तो अस्पताल पहुंच जाता हूं।

132 बार ब्लड व पांच बार प्लेटलेट्स डोनेट कर चुके हैं कुलवंत

शिमलापुरी के रहने वाले और नौकरीपेशा 47 वर्षीय कुलवंत सिंह ने बताया कि 132 बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं, जबकि पांच बार प्लेटलेट्स डोनेट किए हैं। पहली बार साल 1991 में रिश्तेदार के थैलेसीमिया पीडि़त बेटे के लिए रक्तदान किया था। वैसे तो हर दो महीने बाद ब्लड डोनेट करता हूं, लेकिन अगर कई बार इमरजेंसी पड़ती है, तो पंद्रह दिन व महीने बाद भी ब्लड डोनेट करता हूं। नौकरीपेशा होने की वजह से पैसे से तो किसी की मदद करने में सक्षम नहीं हूं, लेकिन जब भी किसी को खून की जरूरत होती है तो मदद के लिए पहुंच जाता हूं। खूनदान से बेहद खुशी मिलती है।

आतिश ने दोस्त के परिवार की जान बचाने को किया था पहली बार रक्तदान

राहो रोड निवासी फायर आफिसर आतिश राय ने कहा कि अब तक 125 बार रक्तदान व ब्लड डोनेट कर चुके हैं। उनकी उम्र 39 साल है। पहली बार साल 1999 में रक्तदान किया था। तब दोस्त के परिवार का एक्सीडेंट हो गया था। एक्सीडेंट में परिवार के चार लोग बुरी तरह घायल हुए थे। उनकी जिंदगी बचाने के लिए तब खून की जरूरत थी तो अस्पताल जाकर रक्तदान किया। तब से लेकर आज तक लगातार रक्तदान कर रहे हैं। रक्तदान करके बेहद खुशी होती है।

101 बार ब्लड व प्लेटलेटस डोनेट किए

जमालपुर के रहने वाले और पेशे से कारोबारी कमलप्रीत सिंह बंटी बताते हैं कि अब तक 101 बार ब्लड व प्लेटलेट्स डोनेट कर चुके हैं। 32 वर्षीय बंटी कहते हैं कि हर तीन महीने बाद ब्लड डोनेट कर देते हैं। जरूरत पडऩे पर तो तीसरे-चौथे दिन भी प्लेटलेट्स डोनेट किए हैं। पहली बार जीटीबी अस्पताल में 18 साल की उम्र में जीटीबी अस्पताल में जाकर खूनदान किया था।

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