पटियाला में व्यक्ति ने राजस्व रिकार्ड स्टाफ से मिलीभगत कर परिवार व सरकार की जमीन हड़पी
पटियाला में एक व्यक्ति ने राजस्व रिकार्ड के स्टाफ के साथ मिलीभगत करके अपने चाचा व ताया के हिस्से की जमीन हड़प ली। दो दशक से अधिक समय पहले हुए इस घोटाले का पता उस समय चला जब पीड़िता ने अपने चचेरे भाई की इस धोखाधड़ी को पकड़ लिया।
पटियाला [प्रेम वर्मा]। नाभा के गांव सिबड़ो में एक व्यक्ति ने राजस्व रिकार्ड के स्टाफ के साथ मिलीभगत करके अपने चाचा व ताया के हिस्से की जमीन हड़प ली। यही नहीं पटवारी के साथ ऐसी सांठगांठ हुई कि उसने उक्त व्यक्ति के नाम पर सरकारी जमीन भी ट्रांसफर कर दी। दो दशक से अधिक समय पहले हुए इस घोटाले का पता उस समय चला जब पीड़िता ने अपने चचेरे भाई की इस धोखाधड़ी को पकड़ लिया। महिला ने तुरंत इस संबंध में विजिलेंस को शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद साल 2019 में पीड़िता ओमप्रभा ने डिवीजनल कमिश्नर चंद्र गैंद को लिखित में शिकायत की। करीब एक साल की लंबी पड़ताल के बाद तहसीलदार आन स्पेशल ड्यूटी ने रिपोर्ट तैयार की, जिसमें साफ लिखा है कि पटवारी ने अन्य अधिकारियों से मिलकर रिकार्ड में हेरफेर की। इस हेरफेर के बाद मोहन लाल नामक व्यक्ति के नाम पर 20 गज जमीन पारिवारिक व करीब 100 गज शामलाट वाली ट्रांसफर की गई है।
यह है पूरा मामला
साहिब नगर थेड़ी पटियाला निवासी ओम प्रभा ने बताया कि उनके पिता पुरषोत्तम राम कुल पांच भाई थे और पांचों भाइयों की मौत हो चुकी है। साल 2019 में इन लोगों को पता चला कि पुश्तैनी जमीन में से 20 गज जमीन को उनके चचेरे भाई ने अपने नाम पर करवा ली है। इस जमीन के खसरा नंबर के पहले वाले नंबर वाली जमीन पड़ोसी के नाम पर थी, जो परिवार में इकलौता था। उसकी मौत के बाद चचेरे भाई ने उसे अपने दादा का छठा पुत्र बनाकर फर्जी दस्तावेज लगाकर उसकी जमीन को अपने हिस्से में करवा ली जबकि नियमों के अनुसार वह जमीन शामलाट के हिस्से में जाती थी। इस संबंधी गड़बड़ी का पता साल 2019 को पता चला, जब ओम प्रभा ने जमीन संबंधी रिकार्ड चेक करवाया। चचेरे भाई से बात की लेकिन उसने धमकियां देनी शुरू कर दी तो डिविजनल कमिश्नर के पास शिकायत कर दी थी।
एक बार रिपोर्ट गायब हुई थी
ओम प्रभा ने बताया कि जब उनकी शिकायत की जांच शुरू हुई तो पटवारी सहित कुछ अधिकारी आरोपों के घेरे में आ गए थे और एसडीएम नाभा के आफिस रिपोर्ट बनकर पहुंची। यहां पर स्टेनो लेवल पर उनकी रिपोर्ट वाली फाइल को एक बार गायब कर दिया गया था, जिसके बाद दोबारा शिकायत देने पर रिपोर्ट बनाई गई है। छह महीने से यह फाइल एसडीएम नाभा के आफिस में पड़ी है, जहां से डीसी आफिस को रिपोर्ट नहीं भेजी गई।
इस संबंध में डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित को रिपोर्ट भेज दी है। उन्हें रिकार्ड को दुरस्त करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही संबंधित पटवारियों व अधिकारियों के खिलाफ बनती कार्रवाई करने को कहा है। अब अगली कार्रवाई डीसी आफिस से ही होगी।
चंद्र गैंद, डिवीजनल कमिश्नर।
हमारे पास दिसंबर 2020 से रिपोर्ट पेंडिंग नहीं है, यदि कोई रुकी है तो चेक करने के बाद डीसी आफिस कार्रवाई के लिए भेज देंगे।
काला राम कलसी, एसडीएम, नाभा।