माछीवाड़ा मंडी में फसल बेचने पहुंचे किसान मायूस
केंद्र सरकार द्वारा पंजाब में धान की खरीद दस दिन लेट करने के कारण मंडियों में फसल बेचने आए किसान मायूस दिखाई दे रहे हैं।
जेएनएन, श्री माछीवाड़ा साहिब : केंद्र सरकार द्वारा पंजाब में धान की खरीद दस दिन लेट करने के कारण मंडियों में फसल बेचने आए किसान मायूस दिखाई दे रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मंडी में इस समय करीब 40 हजार क्विंटल फसल बिकने के लिए पड़ी है, जबकि गैर-सरकारी अंकड़ों अनुसार 70 हजार कविटल आमद हो चुकी है।
फसल बेचने आए किसान कमलजोत सिंह सहजो माजरा, बलवीर सिंह भारटा, सज्जन सिंह लुहारियां, सतपाल सिंह बुर्ज पक्का ने कहा कि आज सरकारी खरीद शुरू न कर केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों के साथ बदलाखोरी शुरू की है, क्योंकि तीन कृषि काले कानूनों खिलाफ संघर्ष कर रहे राज्य के किसानों कारण आज मोदी सरकार की पूरे देश में किरकिरी हुई है। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान तो पहले ही फसलों के कम भाव मिलने व महंगे डीजल के कारण मंदहाली के दौर में से गुजर रहे हैं और ऊपर से अब फसल न खरीद कर सरकार किसानी को तबाह करने पर तुली हुई है।
माछीवाड़ा मार्केट कमेटी के चेयरमैन दर्शन कुमार कुंदरा, उप चेयरमैन शक्ति आनंद और आढ़ती ऐसोसिएशन के प्रधान तेजिदर सिंह कून्नर ने कहा कि 11 अक्टूबर को खरीद शुरू करना केंद्र सरकार का नादरशाही फरमान है। उक्त नेताओं ने माछीवाड़ा अनाज मंडी में फसल बेचने आए किसानों से बातचीत करते कहा कि यदि केंद्र सरकार ने कल से सरकारी खरीद शुरू न करवाई तो वह एकजुट हो मोदी खिलाफ संघर्ष करने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो दलील दी है कि बेमौसमी बारिश कारण बिकने के लिए आ रहे धान में नमी की मात्रा ज्यादा है, जबकि वास्तविकता यह है कि किसान धान बिल्कुल सूखा लिया रहे हैं जो बिल्कुल खरीदने लायक है। उक्त नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार जाणबूझ कर पंजाब के किसानों, आढ़तियों और व्यापारियों को परेशान कर रही है, जिसका खामियाजा उनको भुगतना पड़ेगा।