पंजाब विधानसभा चुनाव में अभी बचे हैं दस माह, सुखबीर तो अभी से मंत्री पद बांटने में लगे

पंजाब विधानसभा चुनाव में अभी दस माह बचे हैं। पार्टी प्रधान सुखबीर बादल अभी तक जिन स्थानों पर भी रैलियां कर रहे हैं वहां के उम्मीदवार की टिकट भी घोषित कर रहे है। इतना ही नहीं वे सरकार बनने से पहले ही मंत्री पद भी बांटने लगे हैं।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 06 Apr 2021 09:25 AM (IST) Updated:Tue, 06 Apr 2021 09:25 AM (IST)
पंजाब विधानसभा चुनाव में अभी बचे हैं दस माह, सुखबीर तो अभी से मंत्री पद बांटने में लगे
पंजाब विधानसभा चुनाव में अभी दस माह बचे हैं लेकिन सुखबीर अभी से मंत्री पद बांटने में लगे हैं।

लुधियाना [भूपेंदर सिंह भाटिया]। पंजाब विधानसभा चुनाव में अभी दस माह बचे हैं। इसी बीच पांच साल सत्ता से बाहर रहने वाला शिरोमणि अकाली दल अब वापसी को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रहा है। पार्टी प्रधान सुखबीर बादल अभी तक जिन स्थानों पर भी रैलियां कर रहे हैं, वहां के उम्मीदवार की टिकट भी घोषित कर रहे है। इतना ही नहीं, वे सरकार बनने से पहले ही मंत्री पद भी बांटने लगे हैं। डेराबस्सी में हुई एक रैली में उन्होंने वहां के पार्टी नेता व बिजनेसमैन को मंत्री बनाने की घोषणा कर दी। तभी से यह घोषणा अकाली दल और अन्य राजनीतिक दलों में चर्चा का विषय बन गई है। नेताओं का कहना है कि सरकार बनने से पहले ही सुखबीर सत्ता सुख का आनंद उठाने लगे हैं। बहरहाल, चुनाव में टिकट पाने की लालसा पाले शिअद नेता अब हाईकमान तक पहुंच बनाने में जुट गए हैं, ताकि उनका टिकट पक्का हो जाए।

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राजनेता की कथनी और करनी
वरिष्ठ भाजपा नेता श्वेत मलिक इन दिनों पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए प्रदेश में दौरा कर रहे हैं। इस दौरान वह जहां भी जा रहे हैं, वहां बड़ी संख्या में पार्टी के पुराने व नए नेता पहुंच रहे हैं। ऐसा ही लुधियाना के सॢकट हाउस में हुआ। श्वेत मलिक ने नेताओं की भीड़ के बीच कैप्टन सरकार के चार सालों के असफल कार्यकाल की बातें की। अंत में उनके नाम से एक प्रेस नोट जारी किया गया जिसके आखिर में लिखा गया कि कैप्टन सरकार की विफलता के कारण प्रदेश में कोरोना बढ़ रहा है। सरकार रैलियों और धरनों की इजाजत दे रही है। स्वास्थ्य विभाग की कोरोना को लेकर एडवाइजरी की अनदेखी की जा रही है। इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार है, जबकि श्वेत मलिक की प्रेस कांफ्रेंस में पहुंचे अधिकतर भाजपा कार्यकर्ताओं ने न तो मास्क लगाया था और नहीं ही शारीरिक दूरी थी।


आप वर्कर भी होने लगे लामबंद
सूबे में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही एक बार फिर से आम आदमी पार्टी के नेता लामबंद होने लगे हैं। अन्य दलों के मुकाबले वह अधिक से अधिक लोगों से कनेक्ट होने की कोशिश में बैठकें कर रहे हैं। पिछले चुनाव में आप के लिए काम करने वाले कई बुद्धिजीवी व साफ छवि वाले फिर एकजुट होने लगे हैं। इनमें लेखक, डाक्टर, इंजीनियर, बिजनेसमैन और किसान भी शामिल हैं। हालांकि मुश्किल यही है कि अभी आप में नेतृत्व करने वाले लोकप्रिय चेहरे की कमी महसूस की जा रही है। बीते दिनों हुई एक मीटिंग के बाद वर्कर का कहना था कि पिछले विधानसभा चुनाव से पहले कुछ नेताओं द्वारा पार्टी छोडऩे से उनके मिशन को धक्का लगा था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। पिछली बार लोगों का जो रिस्पांस मिला था, वह इस बार फिर मिलेगा। प्रदेश में स्वच्छ राजनीतिक वातावरण भी देखने को मिलेगा।

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सुबह इस्तीफा, शाम को हुई वापसी
इन दिनों जिला भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राजनीति में अक्सर यह सुनने को मिलता है कि फलां नेता को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया है, लेकिन लुधियाना में बिल्कुल इसके विपरीत ही देखने को मिला। यहां भाजपा नेताओं को ही इस्तीफा देने वाले एक मंडल अध्यक्ष को मनाना पड़ा। हुआ यूं कि कैलाश नगर मंडल अध्यक्ष रोमी मल्होत्रा ने सुबह-सुबह प्रेस कांफ्रेंस कर घोषणा की कि उन्होंने अपने साथियों के साथ भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। अब मामला गर्माता देख कुछ नेता रोमी के घर पहुंच गए और उन्हें इस्तीफा वापस लेने को मनाने लगे। इस दौरान बंद कमरे में क्या गिले-शिकवे हुए, वह तो बाहर नहीं आए, लेकिन शाम को रोमी जरूर सामने आए। उन्होंने कहा कि कुछ गलतफहमी के कारण उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया था, लेकिन अब वे अपना इस्तीफा वापस ले रहे हैं।

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