शिक्षा के निजीकरण के विराेध में लुधियाना के अध्यापक बजाएंगे संघर्ष का बिगुल, जानें क्या है रणनीति
शिक्षा के निजीकरण का अध्यापक विराेध कर रहे हैं। सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब की ओर से संघर्ष का बिगुल बजाने की चेतावनी दे दी गई है। अध्यापक मोहाली में शिक्षा सचिव के खिलाफ किए जा रहे रोष प्रदर्शन का हिस्सा बनेंगे।
लुधियाना, जेएनएन। सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब की ओर से संघर्ष का बिगुल बजाने की चेतावनी दे दी गई है। अध्यापक मोहाली में शिक्षा सचिव के खिलाफ किए जा रहे रोष प्रदर्शन का हिस्सा बनेंगे। राज्य प्रधान सुरिंदर कुमार, महासचिव बलकार वलटोहा, सरप्रस्त चरण सिंह सराभा ने जानकारी देते कहा कि शिक्षा सचिव की ओर से शिक्षा का निजीकरण करने के चलते रोष प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आनलाइन शिक्षा को कक्षा शिक्षा में बदलने के चलते, गर्मी की छुट्टियों में अध्यापकों की आनलाइन मीटिंगें, ट्रेनिंगें, अनाज और किताबें वितरण का कार्य, दाखिले के कामों में उलझा कर रखना, फेसबुक पेज पर दवाब के साथ अध्यापकों और विद्यार्थियों से लाइक, कमेंट शेयर करवाना लोकतांत्रिक सिद्धांतों के विपरीत है जबकि किसी चीज को पसंद या नापसंद करना व्यक्तिगत मामला है।
मोर्चे की ओर से आरोप लगाते कहा गया कि पंजाब के बच्चों को इतिहास से तोड़ने के लिए इतिहास विषय के लेक्चरारों के पद समाप्त किए जा रहे हैं। कच्चे अध्यापकों को पक्का करने की बजाए नई शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा को तबाह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परीक्षा में योग्य प्रबंध न करने के चलते मिशन शत प्रतिशत रूपी झूठे आंकड़ों की खेल द्वारा शिक्षा में सुधार लाया दिखाया गया।
पंजाब सरकार की ओर से एक जनवरी, 2004 के बाद भर्ती होने वाले और पुरानी पेंशन प्रणाली बहाल नहीं की गई। मजबूर हो शिक्षा सचिव की ओर से शिक्षा का निजीकरण करने के चलते संघर्ष का बिगुल बजाने पड़ रहा है। इस दौरान मनीश शर्मा, संजीव यादव, जगमेल सिंह, जोरा सिंह, परमिंदर पाल, बलवीर सिंह, परमजीत सिंह शामिल हुए।
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