LED light Dispute: लुधियाना में एलइडी लाइटस का मामला गर्माया, पार्षदों को अपने मुलाजिम व मशीनरी दिखाएगी टाटा

पार्षदों ने कंपनी की कारगुजारी पर सवाल उठाए और कंपनी के पास इंफ्रास्ट्रक्चर न होने की बात कही। कंपनी प्रतिनिधि पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर होने की बात करते रहे। जिस पर मेयर ने कंपनी को कह दिया कि शनिवार को अपने कर्मचारियों व मशीनरी लेकर रोज गार्डन में पहुंचे।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 12:43 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 12:43 PM (IST)
LED light Dispute: लुधियाना में एलइडी लाइटस का मामला गर्माया, पार्षदों को अपने मुलाजिम व मशीनरी दिखाएगी टाटा
लुधियाना में आल पार्टी मीटिंग के दौरान पार्षदों के साथ बातचीत करते मेयर संधू व निगम कमिश्नर प्रदीप सभरवाल। (जागरण)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। शहर में एलईडी लाइट्स लगाने वाली टाटा कंपनी और नगर निगम के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। पार्षद दो साल से कंपनी को टर्मिनेट करने की सिफारिश कर रहे हैं उसके बावजूद कंपनी ने अपनी कारगुजारी में सुधार नहीं किया। वीरवार को मेयर बलकार सिंह संधू ने कैंप दफ्तर में आल पार्टी पार्षदों की बैठक बुलाई।

बैठक में सभी दलों के पार्षदों ने कंपनी की कारगुजारी पर सवाल उठाए और कंपनी के पास इंफ्रास्ट्रक्चर न होने की बात कही। जबकि कंपनी प्रतिनिधि पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर होने की बात करते रहे। जिस पर मेयर ने कंपनी को कह दिया कि शनिवार को अपने कर्मचारियों व मशीनरी लेकर रोज गार्डन में पहुंचे। वहीं मेयर ने सभी 95 पार्षदों को भी उस दिन रोजगार्डन में बुलाने का फैसला किया है। पार्षद कंपनी के कर्मचारियों और मशीनरी की फिजिकल वेरिफिकेशन करेंगे।

बैठक में वार्डाें में लगी स्ट्रीट लाइटों की संख्या पर भी सवाल उठाए। कुछ पार्षदों ने कहा कि उनके वाडरें में पूरी लाइट्स नहीं लगी। कंपनी का दावा है कि शहर में कांट्रैक्ट से ज्यादा लाइटें लगी हैं। मेयर बलकार सिंह संधू ने अफसरों को आदेश दिए हैं कि पार्षदों को साथ लेकर पूरे शहर में वार्ड वाइज लाइटों की गिनती की जाए। उन्होंने कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल को कहा कि शनिवार से ही इनकी गिनती शुरू की जाए और जब तक कंपनी के साथ चल रहा विवाद नहीं सुलझता तब तक कंपनी को पेमेंट न दी जाए। वहीं बैठक में पार्षदों ने कंपनी के कांट्रैक्ट को टर्मिनेट करने की सलाह भी दी। जिस पर मेयर बलकार सिंह संधू ने कहा कि पहले कंपनी के कर्मचारियों, मशीनरी व शहर में लगी लाइट्स की रिपोर्ट तैयार की जाएगी और साथ ही इस संबंध में सरकार के कानूनी सलाहकार से कानूनी राय ली जाएगी।

उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया के साथ कंपनी को टर्मिनेशन नोटिस जारी करेंगे। बैठक में कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल, पार्षद राकेश पराशर, कुलदीप जंडा, सुनीता शर्मा, स्वर्णदीप चहल, गुरदीप सिंह नीटू, पार्षद पति इंद्र अग्रवाल व अन्य उपस्थित रहे। बैठक में नेता प्रतिपक्ष हरभजन सिंह डंग ने कहा कि निगम हर महीने दो करोड़ रुपये कंपनी को बिजली बिल के तौर पर दे रहा है। जबकि शहर में कई प्वाइंट्स बंद पड़े हैं। जो अफसर बिल पास कर रहे हैं उनकी भूमिका भी संदिग्ध है।

पूरा नहीं है इंफ्रास्ट्रक्चर

पार्षद ममता आशु ने बताया कि कंपनी का दावा है कि उनके पास 42 टीमें फील्ड में काम कर रही हैं। इसके अलावा कंपनी के पास मात्र दो हाइड्रोलिक मशीनें हैं। उनका कहना है कि शहर में 95 वार्ड हैं और कंपनी के पास उसके हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। उन्होंने मेयर को कहा कि कंपनी की कारगुजारी से कोई पार्षद संतुष्ट नहीं है। इसलिए इन्हें हटाया जाए।

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