सुखबीर का कैप्टन पर हमला, बोले- Covid पर सरकार के 1000 करोड़ रुपये खर्च करने के दावे की हो जांच
शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने न केवल गेहूं खरीद प्रक्रिया में कुप्रबंधन किया बल्कि कोविड मरीजों को मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने में भी नाकाम रहे। इसके कारण पंजाब में कोरोना की मृत्यु दर सबसे ज्यादा है।
मुल्लांपुर (लुधियाना), जेएनएन। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने न केवल गेहूं खरीद प्रक्रिया में कुप्रबंधन किया बल्कि कोविड मरीजों को मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने में भी नाकाम रहे। इसके कारण पंजाब में कोरोना की मृत्यु दर सबसे ज्यादा है। उन्होंने पंजाब सरकार के कोविड प्रबंधन पर 1000 करोड़ खर्च करने के दावे की केंद्रीय जांच की मांग भी की है।
सुखबीर ने कहा कि कैप्टन सरकार ने बुनियादी स्तर पर कुछ भी नहीं किया। सुखबीर बादल ने वीरवार को मुल्लांपुर मंडी का दौरा करने के दौरान किसानों से बातचीत में ये आरोप लगाए।
सुखबीर ने कहा कि मंडियों में किसानों की दिक्कतें बढ़ रही हैं। गेहूं की वक्त पर लिफ्टिंग नहीं हो रही है। खरीद प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए कोई प्रयास नही किया जा रहा है। किसानों ने उनसे बारदाने की कमी की भी शिकायत की। साथ ही कहा कि सरकारी एजेंसियां खरीदी गई गेहूं की पेमेंट नहीं कर रही हैं।
बादल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पिछले साल में राज्य के अस्पतालों के बुनियादी ढ़ांचे को अपग्रेड करने के नाम पर एक हजार करोड़ का घोटाला किया है। इसे सामने लाने के लिए निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सूबे में मरीजों को पर्याप्त ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू, यहां तक कि दवाइयों की सुविधा नहीं मिल पा रही है। लोग देखरेख के अभाव में अस्पताल के सामने पड़े हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य को जलते देखकर भी खुद को अपने फार्म हाउस में बंद कर लिया है।
बादल ने सरकार से पिछले एक साल में कोविड पर एक हजार करोड़ खर्च करने की सूची देने के लिए चुनौती दी। उन्होंने कहा कि केवल राज्य के दो जिलों में आईसीयू की नई सुविधाओं के साथ जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं बदला है। वेंटिलेटर अभी भी अपर्याप्त हैं और यहां तक कि केंद के दिए वेंटिलेटरों को महीनों तक खोला भी नहीं गया था।
अस्पतालों में साधारण दवाएं तक उपलब्ध नहीं
जीवन रक्षक इंजेक्शन जैसे टोकलीजुमेब और इटोलिजुमेब के अतिरिक्त रेमडिसिवर के अलावा सरकारी अस्पतालों में साधारण दवाएं तक उपलब्ध नहीं हैं। यही कारण है कि लोगों ने सरकारी अस्पतालों को त्याग दिया है और निजी अस्पतालों में भीड़ है जो रोगी का पूरा इलाज करने में असमर्थ हैं। राज्य को भाग्य के सहारे छोड़ दिया गया है। उन्होंने अकाली दल के सभी नेताओं से कहा कि वे मंडियों में किसानों की हरसंभव सहायता करें। उनके साथ विधायक मनप्रीत सिंह अयाली, एसआर कलेर, बलविंदर सिंह संधू और गुरचरण सिंह ग्रेवाल मौजूद थे।
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