लुधियाना के उद्यमियों ने मिक्स लैंड यूज क्षेत्रों को इंडस्ट्रीयल एरिया घोषित करने के लिए भेजे सुझाव

लुधियाना शहर के 72 मोहल्लों में 70 प्रतिशत से अधिक इंडस्ट्री चल रही है जनता नगर स्माल स्केल मैन्यूफेक्चरर्स एसोसिएशन ने इन्हें इंडस्ट्रियल क्षेत्र घोषित किए जाने मांग की है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 05:58 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 05:58 PM (IST)
लुधियाना के उद्यमियों ने मिक्स लैंड यूज क्षेत्रों को इंडस्ट्रीयल एरिया घोषित करने के लिए भेजे सुझाव
लुधियाना के उद्यमियों ने मिक्स लैंड यूज क्षेत्रों को इंडस्ट्रीयल एरिया घोषित करने के लिए भेजे सुझाव

लुधियाना, जेएनएन। जनता नगर स्माल स्केल मैन्यूफेक्चरर्स एसोसिएशन ने शहर के 70 प्रतिशत से अधिक इंडस्ट्री चलने वाले 72 इलाकों को इंडस्ट्रिय एरिया घोषित करने की मांग की है। सोमवार को एसोसिएशन की एक बैठक प्रधान जसविंदर सिंह ठुकराल की अध्यक्षता में हुई। ठुकराल ने कहा कि पंजाब रीजनल टाउन प्लानिंग और डिवलपमेंट बोर्ड ने वर्ष 2008 में लुधियाना शहर सहित पंजाब के बड़े शहरों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया था। इस प्लान को तैयार करते समय कई कमियां रह गई थी। इसमें 70 प्रतिशत से अधिक इंडस्ट्री चलने वाले 72 इलाकों को मिक्सलैंड यूज और रिहायशी इलाके घोषित कर दिया गया था। उन्होंने इन 72 क्षेत्रों को इंडस्ट्रियल क्षेत्र घोषित किए जाने की मांग की है।

जसविंदर सिंह ठुकराल ने कहा कि भले ही यह मास्टर प्लान दस साल के लिए बनाया गया था, लेकिन पिछली शिरोमणि अकाली दल की सरकार ने इसे नवंबर 2023 तक के लिए बढ़ा दिया था। अब पंजाब रीजनल टाउन प्लानिंग और डिवलपमेंट बोर्ड की 40वीं बैठक होने जा रही है। इसमें मास्टर प्लान बनने के दौरान जो कमियां रह गई हैं, उनमें संशोधन किए जाने हैं। इस संबंध में एसोसिएशन की ओर से उद्योग केंद्र को सुझाव भेजे गए हैं। इसमें लुधियाना शहर के 72 मोहल्लों, जिनमें 70 प्रतिशत से अधिक इंडस्ट्री चल रही है, इनको इंडस्ट्रियल घोषित किए जाने मांग की गई है। इस दौरान वलैती राम दुर्गा, इन्द्रजीत सिंह, रजिंदर सिंह कलसी, हरजीत सिंह पनेसर मौजूद थे।

छोटी इंडस्ट्री हो रही परेशान

इससे पहले, न्यू जनता नगर, शिमलापुरी, न्यू शिमलापुरी जैसे इलाकों को 70 प्रतिशत इंडस्ट्री के बावजूद रिहायशी क्षेत्र घोषित किया गया था। इस कारण, पिछले 12 वर्षों से यहां काम कर रही छोटी इंडस्ट्री परेशानी का सामना कर रही है। उन्होंने मांग की कि इन इलाकों को इंडस्ट्रियल घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि समय सीमा बढ़ाने से कुछ देर की राहत तो मिलती है लेकिन सुविधाएं नहीं मिल पाती। इसलिए समय सीमा न बढ़ाकर इन इलाकों को इंडस्ट्रियल एरिया घोषित किया जाए। 

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