निगम को राहत: एटूजेड की सबलेट कंपनी पुराने रेट पर कूड़ा प्रबंधन को तैयार

शहर में कूड़ा प्रबंधन की समस्या का कुछ हल होता दिख रहा है। निगम ने एटूजेड कंपनी की सबलेट कंपनी को 324 रुपये प्रति टन के हिसाब से कूड़ा प्रबंधन के लिए मना लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 09:21 PM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 09:21 PM (IST)
निगम को राहत: एटूजेड की सबलेट कंपनी पुराने रेट पर कूड़ा प्रबंधन को तैयार
निगम को राहत: एटूजेड की सबलेट कंपनी पुराने रेट पर कूड़ा प्रबंधन को तैयार

जागरण संवाददाता, लुधियाना : शहर में कूड़ा प्रबंधन की समस्या का कुछ हल होता दिख रहा है। निगम ने एटूजेड कंपनी की सबलेट कंपनी को 324 रुपये प्रति टन के हिसाब से कूड़ा प्रबंधन के लिए मना लिया है। कंपनी टेंडर प्रक्रिया पूरी होने तक निगम के साथ काम करती रहेगी। मेयर बलकार सिंह संधू की डिप्लोमेसी आखिरकार काम कर गई। वहीं एटूजेड के अदालत जाने के बाद भी पंजाब सरकार के लीगल एडवाइजर अशोक बजाज ने निगम को नया टेंडर लगाने के लिए हरी झंडी दे दी। इसके बाद मेयर, कमिश्नर समेत सेहत ब्रांच के अफसरों ने राहत की सांस ली है।

बुधवार को सबलेट कंपनी व निगम अफसरों के बीच बैठकों का दौर चलता रहा।

दरअसल, एटूजेड के कोर्ट जाने के बाद निगम के सामने एक बड़ी समस्या यह थी कि वह अब नई कंपनी के लिए टेंडर लगा सकेंगे या नहीं। बुधवार को पंजाब सरकार के स्थानीय निकाय विभाग के लीगल एडवाइजर अशोक बजाज फिर लुधियाना आए और उन्होंने निगम अफसरों के साथ बैठक की। मेयर व कमिश्नर ने उनके सामने पूरी स्थिति रखी। इसके बाद उन्होंने निगम को कहा कि सबलेट कंपनी से अस्थायी तौर पर पुराने रेट पर ही काम करवा सकते हैं। इसके अलावा निगम नई कंपनी के लिए भी टेंडर लगा सकता है, क्योंकि पुरानी कंपनी ने काम करने से मना किया है। मेयर बलकार सिंह संधू ने बताया कि सबलेट कंपनी को अस्थायी तौर पर पुराने रेट पर ही काम करने के लिए मना लिया है और नया टेंडर लगाने के लिए अफसरों को सभी औपचारिकताएं पूरी करने को कह दिया है। संभवत: शुक्रवार तक टेंडर लगा दिया जाएगा। सबलेट कंपनी को जो डीजल भरने की दिक्कत आ रही है उसे भी हल कर दिया गया है। कंपनी को डीजल भरने के लिए फंड जारी कर दिया जाएगा।

धीमी रही लिफ्टिंग की रफ्तार

बुधवार को शहर में कूड़ा लिफ्टिंग की रफ्तार धीमी रही। दरअसल सुबह कंपनी को डीजल नहीं मिल रहा था, जिसकी वजह से काम देरी से शुरू हुआ। निगम के सीनियर अफसर की मध्यस्थता के बाद आखिरकार उन्हें डीजल मिला और कंपनी ने शहर से कूड़ा उठाया। सामान्यत: दिन में दो बजे तक शहर से कूड़ा उठ जाता है, लेकिन बुधवार को शाम चार बजे तक कई जगहों से कूड़ा नही उठाया गया था।

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