पंजाब में पराली जलाने का आंकड़ा साढ़े 18 हजार के पार, एफआइआर सिर्फ 200 लोगों पर

पंजाब में खेतों में पराली जलाने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। राज्‍य में पराली जलाने के मामले साढ़े 18 हजार से‍ अधिक हाे चुकी है लेकिन कार्रवाई बहुत कम मामलों में हो रही है। अब तक सिर्फ 200 किसानों पर एफआइआर दर्ज किया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 08:38 AM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 01:45 PM (IST)
पंजाब में पराली जलाने का आंकड़ा साढ़े 18 हजार के पार, एफआइआर सिर्फ 200 लोगों पर
पंजाब मे पराली जलाने की घटनाएं नहीं रुक रही हैं।

लुधियाना, चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में किसान खेतों में पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे और इस कारण राज्‍य में वायु प्रदूषण से हालत लगातार खराब हो रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पराली जलाने की घटनाएं रोकने और सख्त कार्रवाई के दावे कर रहा है, लेकिन हकीकत इससे काफी अलग है। राज्य में पराली जलाने की घटनाओं का आंकड़ा साढ़े 18 हजार से ऊपर चला गया है, लेकिन एफआइआर मुश्किल से 200 किसानों के खिलाफ ही हुई हैं। कुछ मामलों में तो सिर्फ जुर्माना ही किया गया है। केस दर्ज करने में काफी ढील बरती जा रही है। इससे किसान बेखौफ होकर पराली जला रहे हैं।

तरनतारन और अमृतसर में सबसे ज्यादा पांच हजार घटनाएं, सिर्फ दस पर ही कार्रवाई

सबसे ज्यादा पराली जलाने वाले अमृतसर और तरनतारन में अब तक पांच-पांच केस ही दर्ज हुए हैं, जबकि लुधियाना स्थित रिमोट सेंसिंग सेंटर ने इन दोनों जिलों में पांच हजार से ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की हैं। संगरूर में 83, नवांशहर में 61, रूपनगर में 18, मोहाली में 16 केस दर्ज किए गए हैं।

प्रस्ताव पास करने वाली सात हजार पंचायतों ही दस हजार से ज्यादा किसानों ने जलाई पराली

फरीदकोट, मुक्तसर, फिरोजपुर और बठिंडा में एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है। जालंधर में पांच, होशियारपुर में चार व गुरदासपुर में दो एफआइआर हुई हैं। कुछ मामलों में किसानों की जमीन की रेड एंट्रीज भी की गई हैं, लेकिन किसान बाज नहीं आ रहे। इससे राज्य में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है। पंजाब में 13 हजार से ज्यादा पंचायतें हैं और करीब सात हजार पंचायतें प्रस्ताव पास कर चुकी हैं, लेकिन इनके सरपंच भी शिकायत दर्ज नहीं करवा रहे। इन पंचायतों में दस हजार से ज्यादा किसानों ने जलाई पराली

अब तक पिछले साल से साढ़े छह हजार ज्यादा घटनाएं

पिछले साल राज्य में 27 अक्टूबर तक पराली जलाने की 12076 घटनाएं दर्ज की गई थी, जबकि इस बार अब तक 18647 घटनाएं हो चुकी हैं। इस बीच फतेहगढ़ साहिब में मंगलवार को पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन प्रोफेसर एसएस मरवाहा ने कहा कि हम सख्ती कर रहे हैं। बहुत से किसानों पर सिर्फ जुर्माना किया गया है।

पंजाब के प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण की हालत-   

    शहर                       एयर क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू

पटियाला -                                167

अमृतसर-                                 140

बठिंडा-                                    113

जालंधर-                                  155

लुधियाना-                                191

पटियाला-                                 168

मंडी गोबिंदगढ़-                         257

खन्ना-                                    142

रोपड़-                                       113

(पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार)

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