Steel Prices: पंजाब में 4000 रुपये प्रति टन तक बढ़े स्टील के दाम, सरिया 5000 रुपये प्रति टन बढ़ा

Steel Prices पंजाब में स्टील के दाम में तेजी से इजाफा हुआ है। दो माह में सरिया का दाम 51 हजार से बढ़कर 56 हजार रुपये प्रति टन हो गया है। स्टील के दाम चार हजार रुपये प्रति टन तक बढ़ गए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 08:21 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 01:58 PM (IST)
Steel Prices: पंजाब में 4000 रुपये प्रति टन तक बढ़े स्टील के दाम, सरिया 5000 रुपये प्रति टन बढ़ा
पंजाब में स्टील के दामों में उछाल। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, लुधियाना। देश में स्टील की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। पंजाब के सेकेंडरी स्टील निर्माता भी इससे अछूते नहीं हैं। दो माह में सरिया का दाम 51 हजार रुपये से उछल कर 56 हजार रुपये प्रति टन पर पहुंच गया है। इस पर अठारह फीसद जीएसटी अलग से लग रहा है। इसके अलावा पंजाब में स्टील के दाम अप्रैल के मुकाबले चार हजार रुपये प्रति टन तक बढ़ गए हैं।

पांच अप्रैल को लुधियाना में इंगट स्टील का रेट 43,000 रुपये प्रति टन था, जबकि स्क्रैप का रेट 36,000 रुपये प्रति टन था। तीन महीने बाद पांच जून को इंगट स्टील की कीमत लुधियाना में 46500 प्रति टन और स्क्रैप की कीमत 39,500 रुपये प्रति टन रही। इसका मुख्य कारण यह है कि कोरोना महामारी के चलते कई राज्यों में लाकडाउन लगा है। इससे इंडस्ट्री का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। नतीजतन, इंजीनियरिंग इंडस्ट्री से स्क्रैप कम निकल रही है। घरेलू बाजार में स्क्रैप की किल्लत है और विश्व बाजार में स्क्रैप के रेट काफी अधिक हैं।

नार्दर्न इंडिया इंडक्शन एंड फर्नेस एसोसिएशन के अध्यक्ष केक गर्ग के अनुसार सेकेंडरी स्टील निर्माता अपनी जरूरत का पचास फीसद से अधिक स्क्रैप विदेशों से आयात करते हैं, लेकिन विदेशी स्क्रैप अभी महंगा पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्क्रैप के दाम 500 से 550 डालर प्रति टन चल रहे हैं। ऐसे में यह स्क्रैप यहां पर आकर इंडस्ट्री को 41 से 42 हजार रुपये प्रति टन में पड़ रहा है। नतीजतन, उद्यमियों ने स्क्रैप का आयात काफी कम कर दिया गया है।

उधर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्टील की जबरदस्त मांग है। यहां से कंपनियां स्टील का विश्व बाजार में जम कर निर्यात कर रही हैं। इससे देश में स्टील की किल्लत है। इसी के चलते स्टील की कीमतों को बेतहाशा इजाफा किया जा रहा है। गर्ग का कहना है कि कच्चा माल महंगा होने से ही स्टील के दाम बढ़ रहे हैं, जबकि इंडक्शन फर्नेस इंडस्ट्री को स्क्रैप से इंगट तक और इंगट से सरिया बनाने तक केवल कनवर्जन चार्जेज ही मिल रहे हैं।

गर्ग कहते हैं कि जब तक स्टील का निर्यात बंद नहीं किया जाता, तब तक घरेलू बाजार में स्टील की उपलब्धता नहीं बढ़ सकती। घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए सरकार को तुरंत स्टील का निर्यात बंद कर वैल्यू एडीशन के साथ तैयार माल के निर्यात को प्रोत्साहित करना होगा। इसी से ही मैन्युफैक्चरिंग बेस मजबूत होगा। पंजाब की ज्यादातर इंजीनियरिंग इंडस्ट्री लुधियाना और जालंधर में है, जबकि फर्नेस यूनिट फतेहगढ़ साहिब में हैं।

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