स्टील के दामों में लगभग 30 हजार रुपये प्रति टन की वृद्धि, पंजाब के उद्यमियों ने पीएम को लिखा पत्र

स्टील के दामों में बेहताशा वृद्धि हुई है। यह वृद्धि 30 हजार रुपये प्रति टन तक है। उद्यमियों ने इस पर नियंत्रण के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा है। कहा कि अत्यधिक वृद्धि से उत्पादों उत्पादन में कमी आई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 05:14 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 05:14 PM (IST)
स्टील के दामों में लगभग 30 हजार रुपये प्रति टन की वृद्धि, पंजाब के उद्यमियों ने पीएम को लिखा पत्र
स्टील की कीमतों में 30 हजार रुपये प्रति टन तक की वृद्धि। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, लुधियाना। स्टील के दामों में हो रही बेहताशा वृद्धि से परेशान होकर उद्यमियों ने इसको लेकर केंद्र सरकार से गुहार लगानी शुरू  कर दी है। यूनाइटेड साइकिल एवं पार्टस मैन्यूफेक्चरर एसोसिएशन (यूसीपीएमए) की ओर से एक ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजकर स्टील के दामों को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई है।

इस संबंध में उद्यमियों की एक बैठक फोकल प्वाइंट स्थित सिटीजन ग्रुप में आयोजित की गई। इस दौरान उद्यमियों ने स्टील के लगातार बढ़ते दामों से हो रहे परेशानियों पर चर्चा की ओर एक पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजकर उनको हस्तक्षेप कर तत्काल कदम उठाने की मांग की है, ताकि स्टील की कीमतों से गिरावट में आ रहे उत्पादन और एक्सपोर्ट के आर्डर भेजने में आ रही परेशानी से वाकिफ करवाया जा सके।

उद्यमियों ने कहा कि अगर यही हालात रहे, तो मेक इन इंडिया का सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा। पत्र में लिखा गया कि अक्टूबर 2020 से मई 2021 तक स्टील की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। एचआर स्टील की बात करें तो इसकी कीमत 39451 रुपये प्रति टन से बढ़कर 69090 हजार रुपये प्रति टन हो गई है और सीआर स्टील 45151 रुपये से बढ़कर 74790 रुपए प्रति टन हो गया है।

इसके साथ ही इस्पात मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक स्टील के निर्यात में इस अवधि के दौरान 121.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है। एक्सपोर्ट बढ़ने और स्टील के दामों के बढ़ने से घरेलू बाजार में साइकिल का निर्माण करना बेहद मुश्किल हो रहा है। उद्यमियों ने मांग की कि स्टील के घरेलू उपयोगकर्ताओं को बिक्री के लिए कीमतों की निगरानी के लिए पालिसी बनाई जानी चाहिए। कुछ बड़े स्टील निर्माता मुनाफे के लिए इसकी कीमतों में भारी बढ़ोतरी कर रहे हैं।

उद्यमियों ने प्रधानमंत्री से मांग की कि एमएसएमई उद्योगों को बचाने के लिए इसको लेकर सख्त पालिसी और इसकी निगरानी को सुनिश्चित किया जाए। इस दौरान यूसीपीएमए महासचिव मनजिंदर सिंह सचदेवा, सीनियर उपप्रधान गुरचरण सिंह जैमको, उपप्रधान सतनाम सिंह मक्कड़, कोषाध्यक्ष अछरू राम गुप्ता, प्रोपोगंडा सचिव रजिंदर सिंह सरहाली, वलैयती राम दुर्गा मौजूद थे।

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