लुधियाना में आजादी के जश्न के दिन भी परवानों की प्रतिमाएं बदहाल, सफाई तक करना भूले नेता और अधिकारी
शहर में शहीदाें की प्रतिमाअाें की हालत खस्ता है। हैरानी की बात यह है कि पिछले साल 31 दिसंबर को मुख्यमंत्री कैप्टन यहां सीएए के विरोध में हुए रोष प्रदर्शन में शामिल हुए थे।
लुधियाना, [दिलबाग दानिश]। जिन आजादी के परवानों की शहादत के चलते आज हम आजादी का 74वां जश्न मना रहे हैं, उनकी प्रतिमाएं धूल से लथपथ हैं। जिला प्रशासन और इनके नाम से संस्थाएं चलाने वाले नेता जी भी उन्हें भूल गए हैं। इन प्रतिमाओं पर धूल चढ़ी हुई है और गंदे हार कई माह से यहां लटक रहे हैं। जबकि प्रशासनिक अधिकारी जश्न ए आजादी के खेल स्टेडियम में अायाेजित कार्यक्रम के लिए सजावट में ही जुटा रहा।
बता दें कि 74 वें आजादी दिवस पर शहर में लगे वीरों की प्रतिमाओं की जांच की गई तो बेहद दुख्द तस्वीरें सामने आईं। शहर के अति व्यस्त बाजार माता रानी चौक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा लगी हुई है। पिछले साल 31 दिसंबर को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह यहां सीएए के विरोध में हुए रोष प्रदर्शन में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्हाेंने गांधी जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए थे। शायद उसी समय ही यहां पर साफ सफाई हुई थी। इसके बाद से प्रतिमा पर मिट्टी जमा है और यहां पर भिखारियों को जमावड़ा है और गंदगी भरी पड़ी है।
शहर के भाईबाला चौक में लगा शहीद करतार सिंह सराभा का बुत, जिनकी पगड़ी पर बीठ तक पड़ी हुई है। फोटो कुलदीप काला।
इसके अलावा जगराओं पुल पर बनी शहीद ए आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बुत लगाए गए हैं। जिस पर कई राजनेता अपनी राजनीति चमकाते आए हैं मगर आजादी दिवस से पहले इसकी सफाई करने कोई नहीं पहुंचा और आम दिनों में इन पर कपड़ा मारने वाला भी कोई नहीं होता है। हालात यह हैं कि इन पर पुराने गंदे फूलों के हार लिपट रहे हैं और बुत भी धूल से भरे हुए हैं। इसके अलावा शहर के भाई बाला चौक में शहीद करतार सिंह सराभा का बुल लगा हुआ है। इस पर तो पक्षियों ने बीठ तक की हुई हैं। यही नहीं प्रतिमा को पहनाया गया पकड़ा भी कई माह पुराना है।
दिवंगत प्रधान मंत्री की प्रतिमा को पगड़ी से साफ करने पहुंच गए थे नेता
शहर के माता रानी चौक में लगी राष्ट्रपिता महातमा गांधी की प्रतिमा पर जमी धूल को जब हाथ से साफ किया गया तो उस पर इस तरह से लकीरें बन गईं। फोटो कुलदीप काला
बता दें कि दो साल पहले दिवंगत प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता राजीव गांधी की सलेम टाबरी में लगी प्रतिमा पर अकाली कार्यकर्ताओं ने कालिख पोत दी थी। जब इसकी भनक कांग्रेसियों को लगी तो एक कांग्रेस नेता ने तो अपनी पगड़ी से वहां की कालिख साफ की थी। इसके बाद सांसद से लेकर कई नेता दूध से नहलाने के लिए वहां पहुंच गए थे। मगर शहीदों के रोजाना होते अपमान पर किसी का ध्यान नहीं है।